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नीम रोकेगी कोरोना वायरस संक्रमण, सफल रहा क्लीनिकल ट्रायल

ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण पर प्राचीन भारतीय आयुर्विज्ञान ही सफलता प्राप्त करेगी. हरियाणा के ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना पर नीम के प्रभाव को जानने की हुआ क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है. क्लीनिकल ट्रायल की रिपोर्ट के अनुसार नीम की गोलीकोरोना संक्रमण की रोकथाम में कारगर साबित हो सकती है. यह ट्रायल ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद और निसरगा बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने गत वर्ष अगस्त माह में संयुक्त रूप से शुरू किया था, तब से ही इस पर रिसर्च जारी थी.

रिसर्च में पाया गया है कि नीम की गोली पूरी तरह सुरक्षित है और इससे जान को भी कोई जोखिम नहीं है. यह गोली कोरोना संक्रमण के खतरे 55 फीसद तक कम करने में प्रभावशाली है. इसके अलावा यदि स्वस्थ व्यक्ति लगातार 28 दिन तक नीम की गोलियों का सेवन सुबह शाम दो बार करता है तो वह संक्रमण रोधी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है. यह वैक्सीन जितना कारगर है. नियमित नीम की गोलियों का सेवन करने पर यदि किसी व्यक्ति को संक्रमण होता भी है, तो यह मामूली वायरल जितना ही असर करेगा. ऐसे में कोरोना से जान जाने का खतरा कई गुना कम होगा. ईएसआइसी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ. एके पांडेय का दावा है कि इस उपाय को अपनाकर लाखों जिंदगी बचाई जा सकती हैं.

रिसर्च में 190 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जो स्वास्थ्य कर्मी थे या उनसे जुड़े हुए लोग थे. इसमें 18 से 60 की उम्र के लोगों को शामिल किया गया. इसमें से कुछ लोगों को सुबह-शाम 28 दिन तक 50 एमजी के नीम की गोली दी गई. कुछ को प्रयोग औषधि(प्लेसिबो) दी गई. देश में अपनी तरह की यह पहली रिसर्च है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जरनल अलरनेटिव थैरेपी इन हेल्थ एंड मेडिसिन में जगह मिली है.

नीम की गोली का प्रभाव केवल कोरोना पर नहीं देखा गया बल्कि रिसर्च के दौरान इसके अन्य लाभ भी सामने आए हैं. नीम की गोली मोटापे, मधुमेह से परेशान लोगों और कोलेस्ट्राल के मरीजों के लिए भी काफी लाभकारी साबित हो सकती है. इसके अलावा रिसर्च में शामिल 190 में से 25 लोगों को वजन कम करने में भी मदद मिली. डॉ. एके पांडेय के अनुसार कोरोना से बचाव का टीका महत्वपूर्ण है और सभी को लगवाना चाहिए. टीके की दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद एंटी बॉडी बनती है. एंटी बॉडी बनने तक नियमित रूप से नीम की गोली को नियमित रूप से खाया जा सकता है. यदि कोई संक्रमित भी हो जाता है, तो संक्रमण के प्रभाव से गंभीर नहीं होगा.

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