गोरखपुर। कोरोना फिर से पांव पसारने लगा है। इस महामारी की दोबारा दस्तक को देखते हुए शासन सख्त होता जा रहा है। शासन ने एक बार फिर से बचाव के लिए कड़े नियम बनाने शुरू कर दिए हैं। जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को भी अब फिर कोविड के प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा। मरीजों और उनके तीमारदारों को बिना मास्क के अस्पताल और कॉलेज परिसर में एंट्री नहीं मिलेगी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। इसे लेकर जिला अस्पताल और कॉलेज प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना मरीजों की संख्या पिछले पांच दिनों से बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से जिला अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि जो मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी। साथ ही पहले से तय ट्रायज एरिया को और भी मजबूती साथ संचालित किया जाएगा। दूसरे प्रदेशों से आने वाले मरीजों की तत्काल एंटीजन किट से जांच कराई जाएगी। संदिग्ध लगने पर आरटीपीसीआर से जांच के लिए सैंपल भेजा जाएगा। इसके अलावा सभी चिकित्सकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह ओपीडी और आईपीडी में अगर मरीजों को देखते है तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन खुद करते हुए मरीजों से भी कराएं। सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में बनाएं और बिना मास्क के आने वाले मरीजों को न देखें। यह निर्देश बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने भी जारी किया है।
एक मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को एंट्री
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज कैंपस में एक मरीज के साथ केवल एक तीमारदार की एंट्री होगी। अगर तीमारदार मास्क नहीं लगाते हैं तो उन्हें एंट्री न दी जाए। उन्होंने बताया कि बताया कि लोग लापरवाह हो गए हैं। मरीजों के साथ कई तीमारदार पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। यही वजह है की कोविड के पुराने प्रोटोकॉल को लागू करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने वालों को अस्पताल में एंट्री नहीं दी जाएगी। इसे लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। ओेपीडी में आने वाले मरीजों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है।- डॉ एसके श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला अस्पताल
बीआरडी में आने वाले मरीजों के साथ केवल एक तीमारदार की ही एंट्री होगी। बिना मास्क किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोविड का खतरा फिर से बढ़ रहा है।- डॉ गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल