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संक्रामक रोग के इलाज व केस प्रबंधन पर चिकित्सक प्रशिक्षित

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के रोगियों को बेहतर और उचित उपचार देने में निजी चिकित्सालय निभायेंगे अहम भूमिका

कानपुर। बरसात के मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए बेहतर ट्रीटमेंट और केस मैनेजमेंट पर निजी चिकित्सालयों और नर्सिंगहोम के चिकित्सकों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया रोग के ट्रीटमेंट और बेहतर प्रबंधन के लिए सोमवार को जिले के सभी निजी चिकित्सालयों और नर्सिंगहोम के चिकित्सकों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है। वेक्टर जनित रोगों का मौसम चल रहा है, इसमें मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ फैलती हैं। प्रशिक्षण के बाद सरकारी और निजी दोनों चिकित्सालयों पर वेक्टर जनित रोगों के मरीजों को आसानी से उपचार उपलब्ध हो सकेगा।

अपर मुख्य चिकिसा अधिकारी डॉ. सुबोध प्रकाश ने बताया कि गोदरेज की सी.एस.आर. के तहत पाथ सी.एच.आर.आई. के सहयोग से सभी सम्बंधित चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके तहत डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से संक्रमित मरीजों के उपचार और केस के बेहतर प्रबंधन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। बरसात के मौसम में मच्छर जनित रोग बहुत तेज़ी से फैलते हैं, ऐसे में मरीज़ को आसानी से सही उपचार उप्लब्ध हो सकेगा।

जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ राधेश्याम ने बताया कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि सभी रोग मच्छर से ही फैलते हैं। पर सभी रोगों का उपचार अलग है और अक्सर केस की गंभीरता के आधार पर ही उपचार किया जाता है। इसलिए रोग की सही पहचान होना बहुत ही आवश्यक है। इसको ध्यान में रखते हुए जिले के 23 निजी चिकित्सालयों व नर्सिंगहोम के 45 चिकित्सकों को वेक्टर जनित रोगों पर प्रशिक्षण दिया गया है। पाथ सी.एच.आर.आई. के सहयोग से संचालित इस प्रशिक्षण में रोग की पहचान, जटिलता के आधार पर उपचार और केस के प्रबंधन पर पूर्ण जानकारी दी गई है। प्रशिक्षण के बाद डेंगू, मलेरिया आदि के उपचार में निजी चिकित्सालयों का सहयोग और बढ़ेगा, इससे मरीजों को एक जैसा और उचित उपचार मिल सकेगा।

जिला मलेरिया अधिकारी ए.के.सिंह ने बताया कि यह देखा गया है कि बुखार के केस में चिकित्सक अपने अनुभव के आधार पर उपचार करते हैं। कई बार बुखार के कारण और पहचान में समय लग जाता है, जिससे मरीज़ गंभीर स्थिति में चला जाता है। प्रशिक्षण में वेक्टर जनित रोगों के प्रोटोकॉल पर विशेष रूप से जानकारी दी गई है ताकि बुखार के मरीज़ में संक्रमण की पहचान, उपचार और केस मैनेजमेंट एक जैसा हो सके।
मर्सी चिकित्सालय के डॉ. अमित कुमार मोरवाल ने बताया कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के उपचार पर पहले से जानकारी थी, पर प्रशिक्षण में कुछ बहुत महत्वपूर्ण बातों की जानकारी भी मिली । प्रशिक्षण की सहायता से सभी मरीजों को एक जैसा और उचित उपचार देने में सभी चिकित्सकों को आसानी होगी।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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