गायत्री मंत्र Gayatri Mantra का शास्त्रों में वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है। गायत्री मंत्र को वेदमाता का भी दर्ज़ा प्राप्त है। इस मंत्र का जप हर घर में नित्य किया जाता है। वेदों के अनुसार गायत्री मंत्र का जप मात्र से ही जीवन के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
चौबीस शक्तियों का प्रतीक है Gayatri Mantra
- गायत्री मंत्र Gayatri Mantra में कुल चौबीस अक्षर हैं। यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है।
- छात्रों के लिए लिए यह मंत्र बहुत ही शुभ व फ़ायदेमंद है। स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि गायत्री मंत्र सभी मंत्रो का मुकुटमणि है।
- अगर किसी को लगातार व्यापार और नौकरी में नुकसान मिल रहा है तो गायत्री मंत्र का जप उसके लिए काफी फायदेमंद होता है।
- गायत्री मंत्र का पहला जप सूर्योदय से पहले, दूसरा दोपहर में तथा तीसरा समय शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले करना शुभ होता है।
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