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Shivsainik न होते तो मन्दिर की बात भी नहीं होती : संजय राउत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत का केन्द्र बने राम मन्दिर मामले में शिवसेना का मानना है कि अयोध्या में 6 दिसम्बर को जो ढांचा गिराया गया था, उसमे सबसे बड़ी भूमि शिवसैनिकों की थी। अगर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता या Shivsainik शिवसैनिक उस ढाँचे को ना गिराते तो आज मंदिर बनाने की बात तक ना हो रही होती।

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Shivsainik को लेकर

मंदिर ओर Shivsainik शिवसैनिकों को लेकर उपरोक्त बातें शिवसेना के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। संजय राउत ने 24 नवम्बर को उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा के बारे में बताने के लिये पत्रकारों को बुलाया था।

राउत ने कहा कि वीर सावरकर और बाला साहब ठाकरे हिंदुत्व के प्रखर प्रणेता थे। जब बाबरी का ढांचा गिरा तो उसमे बाल ठाकरे भी एक्यूज्ड थे। शिवसेना चाहती है कि अयोध्या में जल्द से जल्द राम मन्दिर का निर्माण हो। आज सरकार के पास केन्द्र और उत्तर प्रदेश में दोनो जगह बहुमत है। सरकार को अध्यादेश बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए।

राउत ने कहा कि शिवसेना की विश्व हिन्दू परिषद, आरएसएस अथवा किसी राजनैतिक पार्टी के साथ कोई प्रतियोगिता नहीं है। शिवसेना का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी सब मन्दिर बनाना चाहते हैं। हम उन्ही का साथ देने के लिए आये हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की प्रस्तावित यात्रा का विवरण देते हुए सांसद राउत ने जनपद को अयोध्या बोलने के बजाय विशेष रूप से ’फैजाबाद’ शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे 24 तारीख को ’फैजाबाद’ में लैण्ड करेंगे। दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर उनके कई कार्यक्रम हैं। महंत नृत्य गोपालदास भी उनके साथ इन कार्यक्रमों में रहेंगे। दिन के कार्यक्रमों के बाद शाम 5 .30 बजे उद्धव सरयू आरती में शामिल होंगे।

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