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जिला अस्पताल पर दलालो का कब्जा

  • दलालो के इशारे पर मरीजों को किया जा रहा है रेफर  
  • कमीशन के चक्कर में लिखी जा रही हैं बाहर की दवायें

बहराइच. जिले में एकमात्र सरकारी अस्पताल होने के चलते यहां जनपद के कोने कोने से हर तरह के मरीजो का आना जाना लगा रहता है। जिसके चलते यहां सुबह से लेकर शाम तक दलालो का कब्जा बना रहता है।

सूत्र बताते है कि यहाँ आने वाले मरीजों की गाढ़ी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दलाली में जाता है। यहां सक्रिय दलाल निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर करवाने का काला कारनामा करते हैं,और उनसे मिलने वाली रकम का एक हिस्सा डॉक्टरों को दलाली के रूप में देते है।

जिला अस्पताल में डाक्टर दस बजे के बाद ओपीडी में बैठते हैं, और फिर शुरू होता है दलाली का घिनौना खेल।मरीज को जिला अस्पताल में सही इलाज़ न मिलने व अच्छे डॉक्टर को दिखाने की सलाह देकर प्राइवेट नर्सिंग होम तक भेजा जाता है। जिसके बाद शुरू होता है मरीजों को लूटने का खेल। मरीजो से लूट घसोट यहां के लिए कोई नई बात नही है। यहां सक्रिय दलाल डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए उनके अन्नदाता के रूप में भी अहम रोल निभा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन दलालो के सामने जिला अस्पताल के सीएमएस के सारे दावे खोखले साबित हो रहे है। सीएमएस डॉ0 डी के सिंह की जानकारी में ये दलाल यहां मोटी मलाई काट रहे है,लेकिन फिर भी श्री सिंह की निगाह इन दलालों पर नही पड़ रही है। एक सवाल यह भी है कि आखिर किसके इशारे पर यहां तैनात डॉक्टर बाहर की दवायें ख़ुलेआम लिख रहे है।जिनसे डॉक्टरों को एक मोटी रकम कमीशन के तौर पर मिलती है। यक्ष प्रश्न यह है कि मरीजों को जिला अस्पताल से निजी अस्पतालों में रेफर करने से लेकर बाहर की दवायें लिखने का खेल बदस्तूर जारी है और सीएमएस के कानों में जूं तक नही रेंग रही,आखिर क्यों??

रिपोर्ट : फराज अंसारी

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