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क्लिनिकल स्टैब्लिशमेंट ऐक्ट के विरोध में ​आये व्यापारी

चौरी चौरा/गोररवपुर। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के तहसील प्रभारी भुवनपति निराला ने क्लिनिकल स्टैब्लिशमेंट ऐक्ट को जनहितकारी न होने के बारे में कहा है। यही जनहित में व चिकित्सक समुदाय हित में है। सब को अपनी पेयिंग कैपेसिटी में इलाज का हक मिलना ही चाहिये। उनका मानना है कि क्लिनिकल स्टैब्लिशमेंट ऎक्ट के बाद इलाज महंगा हो जायेगा। इंसपेक्टर राज कायम हो जायेगा। कार्पोरेट सेक्टर, जो डेंगू के इलाज में एक मरीज से सोलह लाख तक ले लेते हैं। ऐसे कारनामें आये दिन देखने को मिलेंगे। चिकित्सक देश के बाहर कार्पोरेट सेक्टर ज्वाइन कर लेंगे या दूसरे धंधों को अपनाने के लिए विवश होंगे। हमारे देश में विलायत व अमेरिकी स्तर का कानून मुआफिक नहीं। अभी व्यवस्थाओं को और ज्यादा सुधारने की जरूरत है। पिछले 70 सालों में देश का विकास होने के बजाय केवल जनता के पैसों से ऐसो आराम किया गया। जिससे जनता आज भी कुपोषण और खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाई।

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