लखनऊ। राष्ट्रीय ललित कला अकादमी में सचिव नगर विकास संजय कुमार द्वारा आयोजित वन्यजीवों एवं पक्षियों पर आधारित दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी Wildlife वाईल्डरनेस ऑन कैनवास का समापन शनिवार को हुआ। इस प्रदर्शनी में विभिन्न वन्य पशु-पक्षियों के लगभग 70 छायाचित्रों को शामिल किया गया।
इस Wildlife प्रदर्शनी के माध्यम से
इस Wildlife प्रदर्शनी के माध्यम से आमजन सहित तमाम कलाप्रेमियों ने वन्यजीवों के अनछुये पहलू को नजदीक से देखा और समझा।
प्रशासनिक अधिकारी श्री संजय कुमार के व्यक्तित्व के दूसरे पहलुओं को देख-कर प्रत्येक व्यक्ति चकित हुआ और उनके छायाचित्रों को देखकर वन्य जीवों के प्रति उनके नजरिये और उन चित्रों का फिल्मांकन करने में लगे उनके धैर्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इस प्रदर्शनी में एक तरफ बीटर, स्वर्णपीलक, मछरिया, सफेद छाती किलकिला, बैंगनी शकरखोरा, बड़ा बसन्ता, कालपुठ अंगारा, गाय बगुला, शिकारा, कालजंघा, सरपट्टी सवन, धोमरा, सीन्खपर बतख, ठठेरा बसन्ता, सारस, श्वेतकण्ठ कौड़िल्ला, काली गुद्दी सम्राट आदि पक्षियों तथा दूसरी तरफ मगरमच्छ, गोह, घड़ियाल, बाघ, तेंदुआ, गैंडा, चीतल, काला हिरण, हाथी, काकड़, बारह सिंघा के विभिन्न मुद्रओं को छायाचित्रों के माध्यम से दिखाया गया।
प्रदर्शनी हॉल में चल रहे स्पीकर पर विभिन्न पशु-पक्षियों की आवाज लोगों को आकृष्ट कर रही थी विशेषकर ओरियंटल स्कूल साउल, ब्राउन हॉक ऑडल, रूफान ट्री पाई, इंडियन कूक्कू तथा ब्रेन फीवर आदि पक्षियां की आवाज लोगों के कौतूहल का विषय रहा।
विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा
प्रदर्शनी में लॉमार्टिनियर, हजारीलाल इण्टर कालेज, बालनिकुन्ज गर्ल्स एकेडमी, ट्रीनिटी एकेडमी, एंजेल कार्मल इण्टर कालेज सहित जनपद के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा वन्य जीव-जन्तुओं के छायाचित्रों को देखकर उनको समझा गया।
स्कूली बच्चों के बीच गाय बगुला, कालजंघा, शकरखोरा और हाथियों के झुण्ड को देखा गया और उसके बारे में संजय कुमार से जानकारी भी ली गई।
स्कूली छात्र हिमांशू वर्मा, नैमिष, प्रियांशू, अरूण, उत्सव, लकी आदि ने कहा कि वन्य जीवों को जानने और समझने का करीब से मौका मिला।
पक्षियों को देखा
स्कूली छात्रा शिवानी, संध्या, मानसी, पिंकी, सोनम, तान्या, अंकिता, रश्मी, नेहा रावत, दीपा, स्नेहा, तन्नु, रितिका आदि ने पक्षियों को देखा और सराहना की।
छात्राओं ने बताया कि ये जीव-जन्तु बिल्कूल सजीव लग रहे हैं और हम सब इस तरह से महसूस कर रहे हैं जैसै कि हम वन में और इनसे बातें कर रहे हैं।
छात्राओं ने कहा कि वृक्ष कम होने से पक्षियों की संख्या कम हो रही है। पशु-पक्षियों को संरक्षित करने के लिए वृक्ष लगाना होगा।
सभी छात्र-छात्राओं ने एक स्वर से कहा कि जिन पक्षियों को कभी नहीं देखा उन्हें देखने और समझने का मौका मिला। बच्चों ने श्री संजय कुमार से जानकारी हासिल की।
संजय कुमार ने भी बड़ी सहजता से सभी छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का उत्तर दिया और बच्चों से कहा कि वे पर्यावरण और जैव विविधता को संरक्षित करें और इसके लिए अपने अभिभावकों को संकल्प दिलायें। श्री कुमार ने बच्चों से पानी बचाने का आहवान किया।
बच्चों द्वारा सारस व गाय बगुला के बारे में जानकारी मांगने पर श्री कुमार ने उनके जीवनचक्र के बारे में विस्तार से बताया।