आचार्य विनोबा भावे समाज जीवन की सन्त परम्परा का निर्वाह करने वाले थे। वह राष्ट्र व समाज सेवा के प्रति समर्पित थे। कर्मयोगी की भांति सदैव इसी मार्ग पर चलते रहे। वह विषमता को मानवता के विरुद्ध मानते थे। इसी लिए उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरूद्ध संघर्ष किया। वह महान ...
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