लखनऊ। सगीर अहमद के पूरे जीवन पर सादगी और समाजवाद की मुहर लगी थी। उनका आचरण, विचार, पहनावा, रहन-सहन और बातचीत समाजवाद की चलती फिरती मिसाल थी। वह जब तक जीवित रहे उनका बाराबंकी से आत्मीय रिश्ता रहा। यह बात गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट (बाराबंकी) के अध्यक्ष ...
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