ओस्लो: अमेरिका की ओर से ग्रीनलैंड की खुफिया जानकारी एकत्र करने संबंधी खबरों के बीच, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने बड़ा बयान दिया है। फ्रेडरिक्सन ने अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा,‘‘आप किसी सहयोगी के खिलाफ जासूसी नहीं कर सकते।’’ ग्रीनलैंड, डेनमार्क का एक अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र है जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नजर है।
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रिपोर्ट में कही गई ये बात
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के नेतृत्व में बैठक हुई थी। इस बैठक में अधिकारियों ने खुफिया एजेंसी प्रमुखों को ग्रीनलैंड के स्वतंत्रता आंदोलन और वहां अमेरिकी संसाधनों के दोहन को लेकर लोगों की भावनाओं के बारे में अधिक जानकारी जुटाने का निर्देश दिया था। डेनमार्क ने अपने देश में शीर्ष अमेरिकी राजनयिक को तलब कर उनसे इस रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगा है।
तुलसी गबार्ड के कार्यालय ने क्या कहा
समाचार पत्र ने रिपोर्ट में अमेरिका के इस कदम से परिचित दो अधिकारियों का हवाला दिया, जिनकी पहचान उजागर नहीं की गई है। ‘जर्नल’ की रिपोर्ट के बारे में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में गबार्ड के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वॉल स्ट्रीट जर्नल को उन तत्वों की सहायता करने में शर्म आनी चाहिए जो खुफिया जानकारी लीक करके और राजनीति करके राष्ट्रपति को कमजोर करना चाहते हैं।’’ बयान में कहा गया, ‘‘वो कानून तोड़ रहे हैं और हमारे देश की सुरक्षा एवं लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। जो लोग गोपनीय जानकारी लीक करते हैं, उन्हें खोजा जाएगा और कानून के तहत पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’
‘ग्रीनलैंड संपत्ति नहीं है जिसे कोई खरीद सके’
ग्रीनलैंड की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने पिछले महीने कहा था कि ग्रीनलैंड के बारे में अमेरिका के बयान अपमानजनक हैं और यह ‘ऐसी संपत्ति नहीं है जिसे कोई खरीद सके।