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यह किसान के अस्तित्व की लड़ाई हैं: जयंत चौधरी

मथुरा। जयंत चौधरी आज कोसीकलां में किसान महासभा को संबोधित कर रहे थे। जयंत चौधरी ने कहा मैं आज आपके बीच हमारे 200 से ज्यादा शहीद हो चूके किसान भाइयों के परिवार को सांत्वना देने आया हूँ। जो किसान बॉर्डर पर बैठे हैं, आंदोलन कर रहे हैं वे हमारे भाई हैं, हमारे परिवार है, हमारा खून है। हम उन्हें हिम्मत देने आए हैं। उन्होंने किसानों से कहा कि ये फैसला लेने का समय है। इस मुसीबत की घड़ी में पहचान लीजिए कौन आपके साथ खड़ा है और कौन किसानों की शहादत पर संसद में मजाक बना रहे हैं?

कृषि कानून पर बोलते हुए आज फिर जयंत चौधरी ने पूछा कि सरकार का एक आदमी आकर बता दें इन कानूनों में किसान के लिए अच्छा क्या हैं?  वे (सरकार) नहीं बता पाएंगे क्योंकि ये कानून किसानों के लिए नहीं पूंजीपतियों के लिए बने हैं और नाम किसान का दे दिया। जयंत चौधरी ने कहा कि इन पूंजीपतियों की आँखे हमारी जमीनों पर लगी हुई है और जिस तरीके से अंग्रेजों ने पहले अपनी सेना नहीं भेजी थी कंपनी भेजी थी व्यापार के लिए और फिर हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया, ठीक उसी तरह ये कानून भी वही भूमिका निम्भाएँगे। इसलिए यह वक्त है कि हमें इस लड़ाई को लड़ना होगा ताकि जमीन का मालिक किसान रहें, कोई पूँजीपति नहीं।

नौजवानों और पत्रकारों के के समर्थन में बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि जो पत्रकार किसानों के मुद्दे पर बोल रहे हैं सरकार उन्हें जेल में डाल रही हैं। जो नौजवान किसानों के हक के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं उन्हें जेल में डाल दिया जा रहा है। मोदी जी खुद इन्हीं नौजवानों के वोट लेकर सत्ता में आए और आज इन्हीं नौजवानों को वे जेल में बंद कर रहे हैं।

जयंत चौधरी ने आज गृहमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि गृहमंत्री जिस भाषा में बात कर रहे हैं वह संविधान के विरुद्ध है। वे पूरे आंदोलन को एक जाति का आन्दोलन बता रहे हैं ताकि किसानों को जातियों में बांट सकें और जातियों को फिर गोत्र व खापों में बांट सकें। वे जाटों को ठीक करने की बात कर रहे हैं।  क्या संविधान की शपथ लेने वाला इंसान अपने देश के नागरिको के लिए इस भाषा का इस्तेमाल कर सकता हैं? यह उनका वही पुरानी तरीका है जहाँ वे धर्म के आधार पर हमें बांटते आए हैं और अब जातियों में बाँट कर किसानों की एकता को कमजोर कर रहे हैं। हमें बंटना नहीं है बल्कि एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ना है, अपनी जमीन के लिए लड़ना हैं।

जयंत चौधरी ने आज फिर किसानों से अपील की कि जब तक राजनीतिक चोट नहीं दोगे तब तक किसान आंदोलन सफल नहीं होगा। भाजपा पर हमला करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि जिसे तरीके से जब रावण का अंत हुआ उनके मुख पे राम का नाम था उसी तरीके से जब भाजपा की कुर्सी जायेंगी तब उनके मुख पर भी किसान का नाम होगा।

युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने अफसोस जताते हुये कहा कि कितने शर्म की बात है कि केन्द्र एव प्रदेश सरकार मिलकर किसानों का उपहास उड़ा रही हैं। पूरे देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज अपने ही हक के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। प्रदेश का गन्ना किसान हो या आलू किसान सभी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।

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