मानव जीवन अनेकों उतार-चढ़ाव और विसंगतियों से भरा हुआ होता है। सुख और दुख मानव जीवन में धूप और छाया की तरह रहते हैं। कुंडली में नवग्रहों की स्थिति से मानव जीवन चलता है और उसकी दशा और दिशा तय होती है। कुंडली में हर ग्रह का अलग-अलग महत्व है, इंसानी भाग्य का निर्धारण करते हैं। ग्रहों के शुभ और अच्छा होने पर वह शुभ परिणाम देते हैं, तो अशुभ होने पर वो अशुभ प्रभाव देकर मानव की तकलिफों में इजाफा करते हैं। कुंडली का एक ऐसा ही ग्रह सूर्य है जो इंसान के जीवन को धन से लेकर स्वास्थ्य तक में प्रभावित करता है।
सूर्य के कमजोर होने के लक्षण-
सूर्य यदि मानव की कुंडली में कमजोर है तो उस व्यक्ति को यश, कीर्ति और मान-सम्मान मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पिता से संबंध अच्छे नहीं रहते हैं और पिता का साथ छूट भी सकता है। कार्यों में अक्सर बाधाएं आती है और नौकरी छूट जाने का खतरा बना रहता है। चोरी होने की संभावना रहती है और सोना या सोने की ज्वेलरी गुम हो सकती है। रोग शरीर में लग जाते हैं इसमें दिल की बीमारी, पेट और आंख के रोग होने की संभावना बनी रहती है। शरीर में आलस्य बना रहता है। कानूनी विवाद चलते रहते हैं और अपने से ज्यादा कद्दावर शख्स से झगड़ा हो सकता है।
ऐसे करें सूर्य को मजबूत-
सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए सबसे घर की पूर्व दिशा को स्वच्छ करें। पिता और पितातुल्य व्यक्तिओं का सम्मान करें, सुबह सूर्योदय के पूर्व उठने की आदत डालें। कपिला गाय और बंदरों को खाना खिलाएं। रविवार का व्रत रखें, इस दिन सरसों का तेल और नमक का त्याग करें। रोजाना सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। रविवार का उपवास करें। सूर्य आराधना में सूर्य मंत्रों के जाप से काफी फादा होता है। आदित्यह्दयस्त्रोत का पाठ करने से सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में कुमकुम, हल्दी, लाल फूल में से कोई एक सामग्री डालकर अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।