मीजल्स यानि कि खसरा एक ऐसी बीमारी है जो एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलती है। पूरी संसार में इसकी वजह से अब तक कई मासूम मृत्यु का शिकार बन चुके हैं। हालांकि इस बीमारी के प्रभावी वैक्सीन उपस्थित हैं, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार, खसरे की बीमारी पीड़ित आदमी के खांसी व छींक के दौरान निकली सलाइवा की ड्रॉप्स में इसका वायरस हवा के सम्पर्क में आता है व दूसरे लोगों को भी प्रभावित करता है। आरंभ में इस बीमारी का पता नहीं चलता है। संक्रमित होने के 10 से 12 दिन के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देने प्रारम्भ होते हैं। आइए जानते हैं खसरे के लक्षण व इसका उपचार:
खसरे का लक्षण:
संक्रमित होने के शुरूआती दिनों में तेज ठंडक के साथ तेज बुखार, नाक से पानी आना, आंखें लाल होना, मुंह के अंदर छोटे छाले व सफेद धब्बे हो जाते हैं। कुछ दिनों बाद रोगी की बॉडी व चेहरे पर हल्के लाल रंग के चक्कते हो जाते हैं व चेहरे व बॉडी पर सूजन भी आ जाती है। उपचार:
अगर आरंभ में इस तरह के लक्षण दिखें तो बिना देर किए तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें। खून की जाँच के बाद ये स्पष्ट तौर पर पता चल पाएगा कि आपको क्या बीमारी है।इसके बाद ही चिकित्सक आपको खसरे की वैक्सीन देगा। इसके लिए कोई ख़ास दवाई नहीं है। इसके बचने का सबसे प्रभावी उपाय है खसरे का टीका लगवाना। इसलिए बेहतर है कि आरंभ में ही टीकाकरण करवा लें।
इन्हें होता है खतरा:
खसरे से सबसे ज्यादा प्रभावित वो लोग होते हैं जिनकी बॉडी की इम्युनिटी पॉवर निर्बल होती है। बॉडी में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों व विटामिन A की कमी भी इसका एक कारण होती है। कई बार जब खसरा बेहद बढ़ जाता है तो इससे अंधापन, एन्सेफलाइटिस, डायरिया, शरीर में पानी की कमी, निमोनिया जैसी गंभीर शिकायतें भी हो सकती हैं।
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