टीवी ऐक्टर करण ओबेरॉय 1 महीने बाद सलाखों के पीछे से बाहर आ चुके हैं. उन पर एक महिला तांत्रिक-हीलर ने बलात्कार व वसूली के आरोप लगाए थे. वह जब भी इस अनुभव के बारे में बात करते हैं तो इमोशनल हो जाते हैं लेकिन टूटे नहीं हैं. इस घटना के बाद वह MenToo मूवमेंट के पोस्टर बॉय बन चुके हैं. उनका बोलना है कि यह मूवमेंट किसी मूवमेंट के विरूद्ध नहीं है बल्कि स्त्रियों के मूवमेंट का पूरक है. क्योंकि जब पुरुष इस तरह की घटनाओं के शिकार होते हैं तो उनकी करीबी महिलाएं भी दर्द झेलती हैं. कारागार से निकलने के बाद उन्होंने एक साक्षात्कार में इस दौरान हुए अपने अनुभव साझा किए.
अपने अरेस्ट होने के बारे में वह बताते हैं कि वह 5 मई को रात 10 बजे सोने वाले थे कि सिपाही उनके घर आ गए व साथ में पुलिस स्टेशन चलने के लिए बोला व कोई वजह भी नहीं बताई. करण बताते हैं कि पहले तो उन्हें लगा कि पुलिस शायद किसी व को समझकर गलती से उनके पास आ गई है. पुलिस स्टेशन पर उनसे फोन भी जमा करवा लिया गया व किसी को सूचना भी नहीं देने दी गई. लेकिन खुशकिस्मती से वह अपनी बहन गुरबानी से कॉन्टैक्ट कर सके थे. करण बताते हैं कि वह कुछ दिन पहले उस महिला के विरूद्ध पुलिस में शिकायत (NC) कर चुके थे हालांकि उन्हें एफआईआर न करने का रिग्रेट है.
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