पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी असीफा भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की सफलताओं से ज्यादा उनकी असफलताएं हैं। सोमवार को बीबीसी उर्दू को दिए एक विशेष साक्षात्कार उन्होंने यह टिप्पणी की।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोगों के मिलने की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों की स्वतंत्रता पर हमला हुआ है और यह सब इमरान खान के कार्यकाल में हुआ है। असीफा बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के तीन बच्चों में सबसे छोटी हैं। उनके सबसे बड़े बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी हैं।
डॉन न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में असीफा ने यह भी कहा कि उन्होंने इमरान खान की सरकार और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की तानाशाही वाले शासन में कई समानताएं देखीं हैं। उन्होंने कहा कि खान की कैबिनेट में भी वही मंत्री हैं, जो मुशर्रफ के कार्यकाल में थे।
26 वर्षीय असीफा ने अपने पिछले वादों को पूरा नहीं करने पर भी इमरान खान को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने पाकिस्तानी लोगों से वादा किया था कि वह एक करोड़ नौकरियों का सृजन करेंगे। हालांकि, उन्होंने अभी तक एक भी नौकरी के लिए अवसर पैदा नहीं किए हैं। उन्होंने वास्तव में पहले से अधिक अस्थिरता पैदा की है और इसकी वजह से कई लाख लोगों का रोजगार खत्म हो गया है।
इमरान खान ने वादा किया था कि वह 50 लाख घर बनाएंगे। उन्होंने अभी तक एक भी घर नहीं बनाया है और इसकी बजाय लाखों घरों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने वादा किया कि वह अन्य राष्ट्रों से सहायता मांगने के बजाय आत्महत्या करना पसंद करेंगे। हालांकि, वह हर एक देश में अपने हाथ में एक ही भीख के कटोरे के साथ देखे जाते हैं। इमरान खान के पाकिस्तान में आज यही हो रहा है, यू-टर्न के बाद यू-टर्न।
कठिनाइयों के बावजूद राजनीति में शामिल होने की अपनी प्रेरणा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने दादा, अपनी मां को खो दिया था और कहा कि उनके परिवार ने बहुत बलिदान किए हैं। मेरा भाई पूरे पाकिस्तान के लिए बोलता है और इसलिए हम अपने अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ खड़े रहेंगे।