बिहार में तेजी से फैल रहे AES यानि कि एक्टूड इन्सेफेलाइटिस (चमकी बुखार) से लगातार बच्चों के मौत कि संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस बीमारी के चलते करीब 57 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बुखार का असर सबसे ज्यादा उत्तरी बिहार में देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से गंभीर हालत में करीब 126 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस बीमारी को वहां के स्थानीय लोगों ने चमकी बुखार का नाम दिया है, वहीं डॉक्टर्स इस बीमारी को AES यानि की एक्टूड इंसेफेलाइटिस के नाम से बुलाते हैं। बता दें कि, ये एक रहस्यमयी बीमारी है जिसके उत्पन्न होने का सही कारण अभी सामने नहीं आ पाया है। माना जा रहा है कि उत्तरी बिहार के 6 जिलों में इस बीमारी का आंतक बहुत तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है जिनमें मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली शामिल है।
बिहार में फैल रहे चमकी बुखार में बच्चों को तेज बुखार आने लगता है जिसके बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन होने लगती है। इसके बाद बच्चें बेहोश हो जाते हैं और हाइपोग्लाइसीमिया की दिक्कत हो जाती है। हाइपोग्लाइसीमिया यानि की शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा घट जाती है और शुगर लेवल कम होने से बच्चों की मौत हो जाती है।
बता दें कि, इस सिंड्रोम को बच्चों के अंदर बेहद कम मात्रा में देखा गया है। बिहार के डॉक्टर के मुताबिक इन हालातों में अगर बच्चों के शरीर में कोई भी ऐसी हरकत होने लगे तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं नहीं तो बच्चों की जान को खतरा हो सकता है।