लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक तरफ अपने घाटे को पूरा करने के लिए आम जनता के ऊपर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढाकर उनकी भावनाओं पर कुठाराघात किया है तो दूसरी तरफ राज्य कर्मचारियों को मिलने वाले 6 प्रकार के भत्तों को तत्काल प्रभाव से बंद करके उन पर आय के श्रोत घटाकर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। सरकार के इस निर्णय से लगभग 8 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। इस प्रकार यह कहना कि अतिषयोक्ति न होगा कि प्रदेश सरकार ने केवल जनता के उत्पीडन का बीडा उठा रखा है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि सरकार ने एक तरफ मंत्रिमण्डल का विस्तार करके प्रतिमाह करोडों रूपये का बोझ वित्त विभाग पर बढा दिया है। दूसरी तरफ मंत्रियों और विधायकों के वेतन भत्तों आदि में किसी प्रकार की कटौती न करके यह संदेश दिया है कि जनप्रतिनिधि केवल ऐश-ओ-आराम के लिए चुने जाते हैं और आम जनता उत्पीड़न तथा मंहगाई के बोझ तले दबने के लिए मतदान करती है। प्रदेश में क्या इसी प्रकार के व्यवहार की आशा करके आम लोगो ने डबल इंजन की सरकार बनवाई थी ताकि रसोई घर से लेकर अन्य खर्चो का उत्पीड़न सहना पडे।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार का इस प्रकार का अन्याय राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बर्दास्त नहीं करेगे तथा जनता की इस लडाई को सड़क से संसद तक लड़ने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चै0 अजित सिंह जी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चैधरी जी के नेतृत्व में रणनीति में बनाकर शीघ्र ही धरना प्रदर्शन आदि आन्दोलन प्रारम्भ किये जायेगे।