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केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक झारखंड में प्रति किसान औसत मासिक आय सिर्फ 4721 रुपये है, जो राष्ट्रीय औसत 6426 से बहुत ज्यादा कम है। कृषि से जुड़े जानकारों का बोलना है कि इसीलिए प्रदेश सरकार यहां पर इतनी बड़ी स्कीम लेकर आई है।
दूसरी ओर पॉलिटिक्स विश्लेषक बताते हैं कि इसी साल विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) है। इसलिए झारखंड के सीएम रघुबर दास ने सबसे बड़ी योजना का दांव चल दिया है। यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है। ताकि किसानों की नाराजगी न झेलनी पड़े। शनिवार को रांची स्थित हरमू मैदान में इस स्कीम को लॉंच किया जाएगा।उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इसकी आरंभ करेंगे। झारखंड में राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है किसानों की आयइसकी आरंभ प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ होगी। इसके तहत करीब 35 लाख किसानों को 3 हजार करोड़ रुपए की सीधी मदद मिलेगी। पहले चरण में करीब 15 लाख अन्नदाताओं को इससे मदद मिलेगी। प्रदेश सरकार की प्रयास यह है कि किसानों को खाद, बीज व कीटनाशक आदि के लिए लोन न लेना पड़े। इस दांव से चुनावी मुहाने पर खड़े अन्य राज्यों पर भी किसानों के लिए कुछ बड़ा एलान करने का दबाव पड़ेगा।
किसे कितना मिलेगा लाभ?
एक एकड़ तक जमीन वाले किसान को सालाना 5 हजार रुपए, 2 एकड़ वाले को 10 हजार, 3 एकड़ पर 15 हजार, 4 एकड़ पर 20 व 5 एकड़ पर 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। यह पैसा दो किस्तों में मिलेगा। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का 6000 रुपया इससे अलग होगा। किसी प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को पहली बार इतनी बड़ी रकम सीधे दी जा रही है। कृषकों को नगद पैसे देने की आरंभ तेलंगाना से हुई थी।
कौन ले सकता है लाभ
सिर्फ प्रदेश के मूल निवासियों छोटे और सीमांत किसानों के लिए ही है। यानी दूसरे प्रदेश से यहां आकर जमीन खरीदने वालों को फायदा नहीं मिलेगा। कृषि विभाग या कलेक्ट्रेड से फार्म लेकर उसमें खेत के कागजात लगाने होंगे। साथ ही बताना होगा कि आवेदन करने वाला आदमी ही खेत का मालिक है। बैंक अकाउंट नंबर देना होगा। अकाउंट आधार से लिंक होना चाहिए। ऐसा न करने पर आवेदक फायदा से वंचित हो जाएगा। किसान कार्ड व राशन कार्ड भी लगेगा। भाजपा कर रही है किसानों पर फोकस, इसी वर्ष है विधानसभा चुनाव
कहां मिलती है कितनी आर्थिक मदद
> हरियाणा सरकार पीएम-किसान सम्मान निधि के अतिरिक्त अपने किसानों को 6000 रुपये सालाना दे रही है।
> आंध्र में 10 हजार रुपये सालाना मिल रहे हैं। 6000 रुपये केन्द्र सरकार के व 4000 रुपये प्रदेश की ओर से।
> तेलंगाना में प्रदेश सरकार की ओर से 8000 रुपये सालाना मिल रहे हैं। दो सीजन में 4000-4000 रुपये।
> ओडिशा में प्रति किसान परिवार को सालाना 10,000 रुपये दिए जा रहे हैं।