सोयाबीन को प्रोटीन का अच्छा स्रोत्र माना जाता है वही फिटनेस से जुड़े लोगो क लिए इसका सेवन का बहुत महत्व होता है लेकिनवेगन व जो लोग लैक्टोज के प्रति संवेदनशील होते हैं उनके लिए सोया प्रोटीन नयी वस्तु नहीं है.सोया प्रोटीन सोयाबीन्स से मिलता है व इससे कई तरह के प्रॉडक्ट्स बनाए जाते हैं जैसे, टोफू, सोयमिल्क, सोया नट्स, सोया सॉस वगैरह.
सोयाबीन को लोग कई तरह से अपनी डाइट में शामिल करते हैयह डेयरी व मीट प्रॉडक्ट के बेस्ट अल्टरनेट के रूप में कार्य करता है. हालांकि इसे कई लोग आराम से खाते हैं लेकिन कुछ वक्त से इसके फायदे व नुकसानों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जहां रेड मीट व दूसरी डायट्स की स्थान सोयाबीन के प्रयोग से हार्ट डिजीज का खतरा कम होने की बात सामने आई वहीं सोया से हॉर्मोन्स के प्रभावित होने की बातें भी सामने आ रही हैं. यह चर्चा इसलिए प्रारम्भ हुआ क्योंकि सोया में आइसोफ्लैवोन्स की मात्रा बहुत ज्यादा ज्यादा होती है. इस कपाउंड में एस्ट्रोजन जैसे गुण होते हैं इसका मतलब है कि यह फीमेल संभोग हार्मोन एस्ट्रोजन (oestrogen) की तरह कार्य करता है. बता दें कि एस्ट्रोजन कुछ तरह के ब्रेस्ट कैंसर की ग्रोथ को भी बढ़ावा देता है.
याहं ये जानना आवशयक है किसोया कई अनहेल्दी फूड्स को रिप्लेस करता है तो इसके हेल्थ बेनिफिट्स ज्यादा हैं.