एडीजी काेर्ट नंबर-दाे ने 12 साल के बाद दहेज हत्या में फैसला सुनाते हुए पति, सास और देवर काे 10 साल की सजा सुनाई है। उसी घर में ब्याही मृतका की छोटी बहन की गवाही के आधार पर यह सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद तीनाें काे काेर्ट से ही जेल भेज दिया गया। बड़ी बहन रेणु की मौत के बाद छोटी बहन कुसुम ने पति से तलाक ले लिया था।जानकारी के अनुसार सीकर के सरवड़ी निवासी ताराचंद शर्मा ने रानाेली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि दाेनाें पुत्रियाें रेणू और कुसुम की शादी 25 अप्रैल 2007 काे सुंदरपुरा में दान दहेज देकर की थी। रेणू की शादी बड़े भाई राकेश और कुसुम की शादी छोटे भाई दिनेश से हुई थी।
शादी के बाद से ही दाेनाें भाई, सास चुकी देवी, ननद मुन्नीदेवी व ननदाेई रामचंद्र दहेज की मांग करते थे। दाेनाें पुत्रियाें काे दहेज के लिए परेशान करने लगे। उन्हें बाेलते थे कि दहेज नहीं लाए ताे उन्हें मार देंगे। रेणू काे ताना देते कि तुम्हारे घरवालों ने छाेटी बहन कुसुम काे ज्यादा दान दहेज दिया है। 13 मई 2013 काे छाेटी बेटी कुसुम ने फाेन किया कि रेणू काे सरवड़ी ले जाओ, वरना ये लाेग मार देंगे। बेटे श्रीराम काे सुंदरपुरा में भेजा ताे रेणू फंदे पर लटकी मिली।
अपर लाेक अभियाेजक दिलावर सिंह ने बताया कि अपरसेशन न्यायाधीश सीकर क्रम-2 महेंद्र कुमार ढाबी ने सुंदरपुरा निवासी राकेश, दिनेश कुमार दोनों पुत्र आनंदीलाल व चुकीदेवी पति आनंदीलाल काे दहेज प्रताड़ना के अपराध में तीन साल की सजा व पांच हजार रुपए जुर्माना, दहेज हत्या के अपराध में तीनाें काे 10 साल की सजा सुनाई व पचास हजार का जुर्माना लगाया। सबूताें के अभाव में रामचंद्र पुत्र जगन्नाथ, मुन्नी देवी रामचंद्र निवासी सालासर चूरू काे बरी कर दिया है।
बहन ने कोर्ट को यह बताया
कुसुम ने कोर्ट को बताया कि उनके परिवार में भात का कार्यक्रम था। रेणू मेंहदी लगा रही थी। जीजाजी ने गुस्से में आकर उसके साथ मारपीट की। दीदी को कहा- मेहंदी क्यों लगा रही है। तुझे भात में नहीं जाना है। उसे जान से मारने की धमकी दी। दीदी के काफी चाेटें आई थी। पूरी रात खाना नहीं खाया।