नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही की शुरुआत से पहले कारगिल युद्ध में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को एक बार फिर से विपक्ष ने पेगासस मुद्दे पर हंगामा किया, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी भी जताई। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा, ‘सरकार जवाब देना चाहती है। आप नारेबाजी करके जवाब मांग रहे हैं, यह उचित नहीं है।’
दूसरे सप्ताह के पहले दिन मानसून सत्र की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई और उसके बाद से कार्यवाही बाधित ही रही। पिछले हफ्ते भी पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानून विरोधी आंदोलन सहित अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी हंगामे के कारण संसद चल नहीं सकी थी। केवल राज्यसभा में सिर्फ एक दिन कुछ घंटों के लिए बहस हुई। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ है और 13 अगस्त को समाप्त होगा।
विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में सोमवार दो विधेयक “राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंध संस्थान विधेयक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट बिल 2021” और “फैक्टर विनियमन संशोधन विधेयक 2020” पारित हुआ। फैक्टर विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को निचले सदन में 14 सितंबर को पेश किया गया था। इसके माध्यम से फैक्टर विनियमन अधिनियम 2011 में संशोधन किया जा रहा है।
शहीदों को श्रद्धांजलि और मीराबाई चानू को दी बधाई
संसद के दोनों सदनों में आज कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही ओलंपिक मेडलिस्ट मीराबाई चानू को टोक्यो में दमदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी गई।
ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को उस वक्त सभी को हैरान कर दिया, जब वह दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आए। दरअसल, राहुल गांधी किसान आंदोलन के समर्थन और नए कृषि कानून के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा समेत अन्य कई कांग्रेसी नेता भी नजर आए। ट्रैक्टर के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ पोस्टर भी चिपका हुआ था। गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर देशभर के किसान पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि देश के किसानों को दबाया जा रहा है। उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा, सरकार को काले कानून वापस लेने ही होंगे।
मोदी-शाह की मौजूदगी में जासूसी मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं खड़गे
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि टेपिंग जासूसी का मामला अत्यंत गंभीर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में संसद में इस पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है और इसकी जांच होनी चाहिए लेकिन उससे पहले इस पर संसद में चर्चा ज़रूरी है। इस बारे में उन्होंने पहले सभापति तथा बाद में उपसभापति से नियम 167 के तहत बहस कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को संसद में प्रश्नकाल, शून्य काल तथा अन्य सभी कार्यवाही को स्थगित कर इस मुद्दे पर बहस करानी चाहिए। खड़गे ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए और प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री को इस बारे चर्चा के दौरान संसद में मौजूद रहना चाहिए।