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घुटने और कूल्हे की समस्याओं से पीड़ित लोगों के उपचार में मदद करेगा ये सरल नुस्खा

अगर आप अपने शरीर में नियमित दर्द का अनुभव महसूस करते हैं तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में जड़ी-बूटियों का अभाव है। कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी होती है कि उनका नियमित रुप से सेवन करने पर आप फिट और फाइन नज़र आते हैं। साथ ही आपको किसी परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ता है।

व्हाइट विलो बार्क का इस्तेमाल घुटने और कूल्हे की समस्याओं से पीड़ित लोगों के उपचार में मदद करता है। यह तेजी से किसी भी दर्द के निवारण में मदद करता है। इतना ही नहीं यह ऑस्टियोआर्थराइटिस को भी कम करने में मदद करता है। बच्चों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

जीरा

जीरा में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो पाचन को ठीक करने में मदद करते हैं। साथ ही सूजन को भी दूर करने में मदद करते हैं। खून साफ करने में इसकी अहम भूमिका रहती है।

जीरा

हल्दी

अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए हल्दी एक कारगर औषधि। हल्दी में पाया जाने वाला कूरकूमिन मे दर्द निवारक गुण होता है।

हल्दी

अदरक

अदरक में सर्दी को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। इसलिए अदरक का इस्तेमाल सर्दी में चाय बनाने में किया जाता है। इतना ही नहीं यह अर्थराइटिस के दर्द को भी कम करने में कारगर होता है। अदरक में गिंजरोल भी पाया जाता है।

अदरक

लौंग

दांतों के दर्द में लौग का इस्तेमाल किसी रामबाण से कम नहीं है। लेकिन दांतों के दर्द को कम करने के लिए लोंग का इस्तेमाल काफी प्रभावी माना जाता है। इतना ही नहीं इसके तेल में भी कई तरह के चमत्कार पाए जाते हैं। लौंग में यूजेनाल जलन को कम करता है और आर्थराइटिस के दर्द से छुटकारा दिलाता है।

लौंग

दालचीनी

दालचीनी का इस्तेमाल खून में धक्का जमने के साथ खून के बहाव को ठीक करने में मदद करता है। दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। दालचीनी में कैल्शियम, जिंक, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर है

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