महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों का खारिज किया जा रहा है। हाल ही में शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने दावा किया था कि जल्दी एकनाथ शिंदे को हटाकर अजित पवार को राज्य का सीएम बनाया जाएगा।
फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी ऐसे किसी बदलाव के मूड में नजर नहीं आ रही है। रविवार को ही एनडीए सरकार में आने के बाद अजित को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
भाजपा नेता का कहना है कि शिंदे को यह जानकारी थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार में शामिल होने जा रही है, क्योंकि विभागों का बंटवारा बगैर सीएम के हस्ताक्षर के नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी ने सरकार बनाने में मदद नहीं की है, वे बनी हुई सरकार का हिस्सा बने हैं। फिलहाल, राज्य में बैठकों का दौर जारी है। खबर है कि अजित और शरद पवार कैंप अलग-अलग बैठक करने वाले हैं।
भाजपा नेता भरोसा जता रहे हैं कि अजित के साथ एनसीपी से आया कोई भी विधायक वापसी नहीं करेगा। बताया जा रहा है कि अजित के समर्थन में 43 विधायक, 6 एमएलसी और 3 सांसद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा जा रहा था कि एनसीपी नेता राज्यपाल रमेश बैस को लिस्ट सौंपी है, जिसमें 40 विधायकों के समर्थन की बात कही है। अगर आंकड़े सटीक रहे, तो भाजपा को शिंदे-फडणवीस सरकार को विधान परिषद में अपना अध्यक्ष बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
एक मीडिया रिपोर्ट में भाजपा के एक नेता के हवाले से बताया गया कि शिंदे ही राज्य के सीएम बने रहेंगे, क्योंकि अगर उन्हें पद से हटाया जाता है, तो भाजपा अपनी विश्वसनीयता खो देगी। ऐसे में पार्टी के साथ कोई भी जाना पसंद नहीं करेगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि स्पीकर की तरफ से भी किसी विधायक को निलंबित किए जाने की संभावनाएं कम ही हैं।