चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर में एक प्रमुख गैस क्षेत्र की खोज की पुष्टि की है। यह गैस क्षेत्र 100 अरब घन मीटर से अधिक होने का अनुमान है। इससे बीजिंग और क्षेत्र के अन्य दावेदारों के बीच सैन्य और राजनयिक तनाव बढ़ सकता है।
सीएनओओसी ने की गैस क्षेत्र मिलने की घोषणा
राज्य संचालित राष्ट्रीय अपतटीय तेल निगम (सीएनओओसी) ने बुवधार को इसकी घोषणा की। इसने एक बयान में कहा, लिंगशुई 36-1 गैस क्षेत्र अत्यंत गहरे पानी में दुनिया का सबसे बड़ा गैस क्षेत्र है। यह करीब 100 अरब घन मीटर से अधिक होने का अनुमान है। सीएनओओसी ने कहा, इससे जुड़े अधिकारियों ने इस आंकड़े की पुष्टि की है।
सीएनओओसी ने कहा कि लिंगशुई 36-1 गैस क्षेत्र चीन के दक्षिण द्वीप प्रांत हैनान के दक्षिण पूर्व में स्थित है। हालांकि, उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह दक्षिण चीन सागर के विवादित जल क्षेत्र में आता है या नहीं।
दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्से पर दावा करता है चीन
दक्षिण चीन सागर गर्म जल क्षेत्र है। इसके ज्यादातर हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। वहीं, फिलीपींस, वियतनाम, मलयेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर दावा करते हैं। अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और सहयोगी देश चीन के खिलाफ छोटे देशों के दावों का समर्थन करते हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि बड़े पैमाने पर नए गैस क्षेत्र के मिलने से मौजूदा तनाव बढ़ने की उम्मीद है। सीएनओओसी ने अनुमान लगाया है कि दक्षिण चीन सागर में यिंगगेहाई, क्यूओंगडोंगनान और जुजियांगको बेसिन का ओजीआईपी एक लाख करोड़ घन मीटर से अधिक है।
दुनिया का 20 फीसदी व्यापार दक्षिण चीन सागर से
दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ रहा है। यह दुनिया के महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है और अपने समृद्ध तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के लिए जाना जाता है। यह दुनिया के सबसे व्यस्त शिपिंग मार्गों में से एक है, जिसके जरिए 20 फीसदी से अधिक वैश्विक व्यापार गुजरता है।