मुंबई। अनिल अंबानी Anil Ambani के लिए मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। संकट में फंसी उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्जदाताओं ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से नए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने और कर्जदाताओं की समिति गठित करने की अपील की है। यह कंपनी के लिए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में पहला कदम है। कंपनी पर एसबीआइ की अगुआई वाले 31 बैंकों के गठजोड़ का करीब 50,000 करोड़ रुपया बकाया है।
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Anil Ambani की कंपनी ने
मौजूदा रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के जरिये आरकॉम ने दिवाला प्रक्रिया में 13 माह की छूट देने को कहा है। इसके लिए अनिल Anil Ambani अंबानी की कंपनी ने अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय से मिले स्टे का भी हवाला दिया है। 30 अप्रैल, 2018 से 30 मई, 2019 तक की अवधि के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने छूट मांगी है, क्योंकि शुरुआती दिवालिया कार्रवाई पर नेशनल कंपनी लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल ने स्टे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी बाद में इस पर स्थगन दे दिया।
करीब दो साल पहले आरकॉम को अपना परिचालन बंद करना पड़ा था। रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचकर कंपनी ने दिवालिया प्रक्रिया से बचने का प्रयास किया, लेकिन सरकार की ओर से मंजूरियों में देरी से अड़चनें आईं। कंपनी सार्वजनिक रूप से रियल एस्टेट और स्पेक्ट्रम संपत्तियों के मौद्रीकरण के जरिये बैंकों का पैसा लौटाने के वादे पूरा नहीं कर पाई।
कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में संभावित रूप से जेल जाने से बचे हैं। उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने उन्हें 480 करोड़ रुपये की मदद देकर उन्हें जेल जाने से बचा लिया। आरकॉम को सुप्रीम कोर्ट ने यह राशि एरिक्सन को चुकाने का निर्देश दिया था। एरिक्सन ने पिछले साल आरकॉम को एनसीएलटी में घसीटा था।