अब व्यापारियों को केवल उतने ही रुपये का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) मिलेगा, जितनी राशि जीएसटीआर 2ए में दिखाई देगा। जीएसटीआर 3बी में दिखाई गई राशि पर आईटीसी देने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं कस्टम बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन (49/2019) जारी कर मासिक रिटर्न जीएसटीआर 3बी के अंतर्गत मिलने वाली राशि में बदलाव किया है। बीते नौ अक्तूबर को जारी सीबीआईसी का नोटिफिकेशन लागू हो गया है।
नए नोटिफिकेशन के तहत जीएसटीआर 3बी में दिखाई गई राशि जीएसटीआर 2ए से अधिक है तो अंतर राशि का कुछ हिस्सा दावेदार कारोबारी को मिल सकता है। जीएसटीआर 2ए जीएसटी के पोर्टल पर पूरा अपलोड हो जाता है तो अंतर राशि का आईटीसी कारोबारी को मिल जाएगा। अभी तक कारोबारी खरीदे माल पर कर को अपने मासिक रिटर्न में क्लेम कर लेता था। यदि बेचे गए माल पर लिया गया अधिक आईटीसी वापस कर देता था। जीएसटी में बदलाव पर कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने बताया कि नया बदलाव छोटे व्यापारियों के लिए मुश्किल खड़ी करेगा। इस बदलाव से बड़ी राशि जीएसटी के खाते में जमा रहेगी।
टर्नओवर में अंतर पर तीन महीने फंसेगा क्लेम-
जीएसटी में आईटीसी क्लेम में हुए बदलाव से छोटे कारोबारियों का दावा तीन महीने तक फंसा रह सकता है। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल कहते हैं कि डेढ़ करोड़ से कम के कारोबारी हर महीने रिटर्न फाइल करते हैं। इससे अधिकके टर्नओवर वाले कारोबारी तीन महीने पर रिटर्न भरते हैं। ऐसे में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारी को आईटीसी क्लेम लेने के लिए तीन महीने इंतजार करना होगा।