ज्योतिषीय गणना के अनुसार 2021 में एक बार फिर कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है, जिसका इशारा ग्रहों की ओर से मिलता दिख रहा है। उनके अनुसार गर्मी के मौसम में कोरोना ग्रहों की शह पर एक बार फिर उभरता दिख रहा है। यह लगभग नवंबर 2021 तक मजबूत स्थिति में बना रहे। लेकिन इस दौरान बीच – बीच में यह ग्रहों की स्थिति के चलते कभी मजबूत कभी कमजोर होता रहेगा। जहां तक इसकी स्थिति काफी कमजोर होने की बात है तो यह समय 2022 में आ सकता है।
वहीं इस हिंदू नववर्ष का राजा और मंत्री दोनों मंगल है वहीं ज्योतिष में राहु और केतु दोनों को संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरस) इंफेक्शन से होने वाली सभी बीमारियों और छिपी हुई बीमारियों का ग्रह माना गया है। ऐसे में कोरोना को भी राहु जनित माना जा रहा है। लेकिन इस नवसंवत्सर में मंगल की उपस्थिति में राहु का दमन होना तो तय है, परंतु इसके बावजूद राहु का अपने गुरु की राशि में होना उसे कुछ हद तक फायदा देगा, यही कारण है कि साल 2021 के अंत तक कोरोना से राहत तो मिलेगी, लेकिन ये अत्यधिक कमजोर पड़ता नहीं दिख रहा है। बृहस्पति जीव और जीवन का कारक ग्रह है जो हम सभी व्यक्तियों का प्रतिनिनधित्व करता है इसलिए जब भी बृहस्पति और राहु या बृहस्पति और केतु का योग होता है, तब ऐसे समय में संक्रामक रोग और ऐसी बीमारिया फैलती हैं, जिन्हें चिहि्नत करना अथवा समाधान कर पाना बहुत मुश्किल होता है।
पर इसमें भी खास बात ये है कि राहु के द्वारा होने वाली बीमारियों का समाधान आसानी से मिल जाता है, लेकिन केतु को एक गूढ़ और रहस्यवादी ग्रह माना गया है। इसलिए जब भी बृहस्पति और केतु का योग होता है तो ऐसे में इस तरह के रहस्मयी संक्रामक रोग सामने आते हैं, जिनका समाधान आसानी से नहीं मिल पाता और ऐसा ही हो रहा है। 26 दिसंबर को हुआ सूर्य ग्रहण सामान्य नहीं था क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के दिन छःग्रहों के (सूर्य, चन्द्रमा, शनि बुध बृहस्पति, केतु) एकसाथ होने से ष्ठग्रही योग बन रहा था, जिससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव बहुत तीव्र हो गया है। भारत में इसका प्रभाव सी ए ए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शनों में की गयी हिंसा के रूप में दिखा। साथ ही कोरोना वायरस के मामले भी बढ़ते गए। कुल मिलाकर नवम्बर में केतु-बृहस्पति का योग बनने पर कोरोना वायरस सामने आया और 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण के बाद इसने एक बड़ी महामारी का रूप धारण कर लिया।
कोरोना के कमजोर पड़ने व कभी मजबूत होने की ये स्थिति नवंबर 2021 तक लगातार समाने आती ही रहने का अनुमान है। ऐसे में उचित होगा हम अपने बचाव के लिए पूरी तैयारी रखें, यानि मास्क का उपयोग करने के साथ ही साफ सफाई के अलावा लगातार हाथ धोते रहें। साथ ही हिंदू नव वर्ष में इस साल के राजा व मंत्री मंगल हैं, जो राहु व राक्षस ग्रहों के परम शत्रु भी है और जिनके कारक देव स्वयं हनुमान हैं, ऐसे में जितना हो सके राम के नाम का जाप करने से लाभ मिलने की संभावना है।
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