यूपी के वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) भवेश कुमार सिंह ने सूबे की तेजतर्रार आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा समेत अन्य एक्टिविस्टों की मांग को मानते हुए पूर्व सीआईसी जावेद उस्मानी द्वारा बंद कर दी गई एक व्यवस्था को नए कलेवर के साथ पुनः आरम्भ कर दिया है. भवेश द्वारा शुरू की गई यह व्यवस्था राज्य सूचना आयोग में प्राप्त वाले पत्रों पर डायरी नंबर देने की है.
उर्वशी बताती हैं कि आयोग के शुरूआती दिनों में मैगसेसे अवार्डी डा. संदीप पाण्डेय, मैगसेसे अवार्डी और वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, वर्तमान आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसौदिया, पूर्व डी.जी.पी. ईश्वर चन्द द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार अफजाल अंसारी जैसे वरिष्ठों के नेतृत्व में किये गए प्रयासों के बाद तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त एम. ए. खान द्वारा आयोग में दिए जाने वाले पत्रों को रजिस्टर में दर्ज कर प्राप्ति संख्या दिया जाना शुरू किया गया था. तब से आयोग की इस प्राप्ति संख्या के आधार पर कोई भी अपने पत्र को आयोग में मैन्युअली ट्रैक कर सकता था.
पूर्व में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के आरटीआई प्रकोष्ठ की प्रदेश उप प्रभारी रह चुकीं उर्वशी बताती हैं कि कालांतर में पूर्व सीआईसी जावेद उस्मानी ने जनहितकारी व्यवस्था को बंद कर दिया था. जब आयोग के प्राप्ति पटल पर दिए गए पत्रों के गायब होने की घटनाएं बढ़ने लगीं तो राज्य सूचना आयोग में प्राप्त वाले पत्रों पर डायरी नंबर देने की व्यवस्था पुनः शुरू करने की मांग उनके द्वारा लगातार निरंतर उठाई गई जिसके बाद सीआईसी भवेश ने आयोग में प्राप्त सभी श्रेणी के पत्रों पर डायरी नंबर देने की व्यवस्था को कंप्यूटराइज्ड रूप में फिर से शुरू कर दिया है.
बताते चलें कि #भवेश द्वारा शुरु की गई डायरी नंबर की रसीद पर डायरी नंबर के साथ-साथ प्राप्तकर्ता के नाम,हस्ताक्षर,प्राप्ति के दिनांक,प्राप्ति का प्रकार,आवेदन का प्रकार,आवेदक का मोबाइल नंबर,पत्रांक संख्या,आवेदक का नाम,जिला जैसी प्रविष्टियाँ भी अंकित की जा रही हैं और इस प्राप्ति की सूचना आवेदक को तत्काल मोबाइल पर एसएमएस से दी जा रही है.
डायरी नंबर देने की कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था को सूचना आयोग में शुरू करने पर सूबे के आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की ओर से भवेश को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उर्वशी ने कहा है कि शुरू की गई यह व्यवस्था अभी अधूरी है क्योंकि इस डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग की अभी कोई व्यवस्था नहीं हैं.
उर्वशी ने भवेश से सार्वजनिक रूप से अपील की है कि वे सॉफ्टवेयर अपडेट कराते हुए डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग का लिंक आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था जल्द शुरू करायें ताकि कोई भी व्यक्ति डायरी नंबर से अपने पत्र की रीयल टाइम ऑनलाइन ट्रैकिंग कर सके.
उर्वशी ने बताया कि उनको पक्की उम्मीद है कि आयोग की कार्यप्रणाली को जनोन्मुखी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत मुख्य सूचना आयुक्त भवेश जल्द ही डायरी नंबर की ऑनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था शुरू कराकर आयोग की कार्यप्रणाली को देश के नागरिकों के लिए और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनायेंगे.