लखनऊ। मध्य गंगा फेज-2 के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों में तेजी लाने को लेकर डॉ हीरा लाल अध्यक्ष एवं प्रशासक ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास परियोजना की अध्यक्षता में कार्यालय सभाकक्ष में ग्रेटर शारदा सहायक समादेश एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई।
बैठक में राजीव यादव (अपर आयुक्त), रजनीश कुमार चौधरी (अधीक्षण अभियंता) ग्रेटर शारदा सहायक समादेश एवं समादेश के क्षेत्रीय कार्मिको, भूमि संरक्षण अधिकारी, अवर अभियंता एवं सहायक भूमि संरक्षण निरीक्षक तथा सिंचाई विभाग के अवधेश कुमार मुख्य अभियंता व अन्य अधीक्षण एवं अधिशासी अभियंताओं ने भाग लिया।
बैठक के दौरान मध्य गंगा फेज-2 तहत निर्मित नहरों में जल संचालन की स्थिति तथा नहरों पर कुलाबों की स्थिति को अंकित करने वाले अभिलेख जैसे 31 आईबी एवं नहर में वास्तविक कुलाबों के फिक्स होने की स्थिति पर चर्चा हुई। मुख्य अभियंता, मध्य गंगा नहर परियोजना द्वारा बताया गया कि परियोजना के अंतर्गत 66 किमी मुख्य नहर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
मुख्य नहर से निकलने वाली बहजोई शाखा तथा इससे संबंधित नहर प्रणाली में कुछ गैप को छोड़कर जल संचालन किया जा रहा है। गैप को पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है। चन्दौसी शाखा में छह किमी बाद गैप होने के कारण जल संचालन अभी प्रारम्भ नहीं किया जा सका है तथा सभी नहरों का निरीक्षण करते हुए कुलाबों की स्थिति का निर्धारण किया जा चुका है, जिसके आधार पर 31 आईबी एवं सजरा मानचित्र यथाशीध्र समादेश मुख्यालय को उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में आश्वस्त किया गया।
बैठक में डॉ हीरा लाल ने निर्देश दिया कि सिंचाई विभाग हरहाल में 15 जुलाई तक 31 आईबी पूर्ण कर ग्रेटर शारदा सहायक समादेश को उपलब्ध कराये, जिससे कुलाबों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके। ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के कर्मचारी कुलाबों के निर्धारण के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सहयोग प्रदान करें तथा शीघ्र कार्य पूर्ण कराएं।
जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो रही है, जिसके लिए सभी अधिकारी कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों, कार्यालयों, घरों में पौधे लगाएं और दूसरों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करें। पानी को संरक्षित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए प्रेरित करें तथा खुद भी घरो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर पानी की बचत करें।
उन्होंने निर्देशित किया कि सिंचाई विभाग एवं ग्रेटर शारदा के कर्मचारी आपस में समन्वय स्थापित कर शीघ्रतापूर्वक कार्यवाही पूर्ण करें, जिससे आगामी दिनों में होने वाले स्थलीय निरीक्षण में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। राजकीय निरीक्षण में यदि फील्ड स्तर के कर्मचारियों द्वारा कोई लापरवाही पायी गयी तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।