चतुरी चाचा आज अपने प्रपंच चबूतरे पर बड़ी गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। चबूतरे के आसपास पड़ी कुर्सियों पर मुन्शीजी, ककुवा, कासिम चचा व बड़के दद्दा विराजमान थे। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा ने प्रपंच की शुरुआत करते हुए कहा- पिछले बरस की तरह इस साल भी कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा है। यह बड़ी चिंता का विषय है। अगर इस साल भी देश भर में लॉकडाउन हुआ तो आमजन को बड़ी भयावह स्थिति से गुजरना पड़ेगा।
इससे बचने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाना होगा। वहीं, जनता को कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। साथ ही, पैंतालीस पार सभी लोग कोरोना का टीका जरूर लगवा लें। बाकी फिर हर इच्छा नारायण की।
ककुवा बोले- हमका लागत हय कि ठंड मा कोरोना ठंडा रहत हय। गरमी मा युहु किरवा जोर पकरत हय। पिछले बरस होली केरे बादिन कोरोउना पइदा भा रहय। जाड़े मा थमि गवा रहय। अब द्याखव न होली तने फिरि कोरोउना जोर पकरि लिहिस। बीच मा लोग कोरोउना का भूलिनगे रहयँ। सारा कामु धड़ल्ले ते चलय लाग रहय। मास्क अउ दुई गज दूरी केरा नियम सरकारी कागदन मा रहिगा रहय। ई सुस्ती अउ लापरवाही केरे कारन संक्रमण बढ़ि गवा। पहिलेक तिना जौ लॉकडाउन भवा तौ सब बिगरिन जाई।
मुन्शीजी ने खेती-बाड़ी की बात करते हुए कहा- इस बार रबी की फसल बहुत अच्छी है। परंतु, अचानक कड़ी धूप, गर्मी और तेज हवा चलने से गेहूँ को नुकसान हो रहा है। इससे गेँहू का दाना पतला हो जाएगा। गेंहू के अपेक्षित उत्पादन में थोड़ा कमी हो जाएगी। दूसरे पिछैती गेहूँ में पानी लगाने से उसके गिरने का डर है। बहरहाल, अब फसल काटने की तैयारी शुरू करनी होगी। आलू की खुदाई हो गयी है। लोग चना और सरसों काटने में जुट गए हैं। गेँहू के बाद अरहर की कटाई-मड़ाई होगी। बस, कोरोना ज्यादा विकराल न हो। वरना, मजदूर न मिलने से कटाई-मड़ाई प्रभावित होगी। रबी फसल के उत्पादन को बेचने में भी दिक्कत पेश आएगी। साथ ही, जायद फसल की बुवाई में अड़चन खड़ी हो जाएगी।
कासिम चचा ने होली की चर्चा करते हुए कहा- इस बार होली बिल्कुल फीकी रही। अब लोग होली पहले की तरह हर्षोल्लास के साथ सामुहिक रूप से नहीं मानते हैं। होलिका दहन में नाम मात्र लोग ही जाते हैं। बसंत पंचमी से होली तक होने वाला फाग गायन लुप्त हो रहा है। अब होली मिलन खास रिश्तेदारों और इष्ट मित्रों के बीच ही सिमट कर रह गया है। पहले गांव में बसंत पंचमी के दिन होली का ढांव (रण) गढ़ने के बाद से होली मिलन के दिन तक होली गीत गाए जाते थे। रात्रि में होलिका दहन स्थल पर पूरा गांव एकत्र होता था। अगली सुबह रंगोत्सव में खूब रंग, अमीर, गुलाल चलता था।
होलिहारों की टोली मोहल्ले-मोहल्ले गाते-नाचते घूमती थी। सभी लोग गांव-जंवार में एक दूसरे के घर होली मिलने जाते थे। यह मिलन जाति-धर्म से परे होता था। होली के दिन लोग अपने विरोधियों को भी गले लगा लेते थे। लेकिन, अब यह सब बीते जमाने की बात हो गई। वैसे, होली पर कोरोना का भी कुछ असर रहा है।
इसी बीच चंदू बिटिया घर की बनी गुझिया, आलू के चिप्स, पापड़, कचरी व चाय-पानी लेकर आ गयी। हम सबने साबुन से हाथ धोया। सबने अपने मॉस्क उतार कर जेब में सहेज लिया। फिर परपंचियों ने गुझिया ख़ाकर ताजा पानी पीया। चाय-नमकीन के साथ एक बार फिर प्रपंच शुरू हुआ। चतुरी चाचा ने कहा- हम लोग बतकही खत्म करने के बाद अपने गांव का एक चक्कर लगाएंगे। आज गांव में 45 साल से ऊपर वालों को कोरोना टीका लगवाने के प्रेरित करना है। वैसे अपने गांव में लगभग सभी बुजुर्गों ने टीका लगवा लिया है।
बड़के दद्दा ने प्रपंच में राजनीति का तड़का लगाते हुए कहा- पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु व केरल आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव में राजनीति अपने चरम पर पहुंच गई है। केरल को छोड़कर अन्य चारों राज्यों में भाजपा अपने को सत्ता के बेहद करीब देख रही है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि केरल में भी भाजपा बड़ी ताकत बनकर उभरेगी। वहीं, विपक्षी दलों ने भाजपा को रोकने के लिए सारी ताकत झोंक रखी है। सबसे दिलचस्प लड़ाई पश्चिम बंगाल में हो रही है। भाजपा व टीएमसी के बीच नेक टू नेक फाइट हो रही है। यहाँ आये दिन खून खराबा भी हो रहा है। इधर, यूपी में पँचायत के त्रिस्तरीय चुनाव चल रहे हैं। गांवों में गजब की तोड़-भांज हो रही है। वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए धनबल और बाहुबल का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है।
अंत में चतुरी चाचा ने हमसे कोरोना अपडेट मांगा। हमने सबको बताया कि टीकाकरण के बीच कोरोना की दूसरी लहर बड़ी जोर से उठी है। विश्व में अबतक 12 करोड़ 90 लाख 36 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से करीब 28 लाख 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में अबतक एक करोड़ 23 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। जबकि कोरोना एक लाख 63 हजार से ज्यादा लोगों को निगल चुका है। देश में सबसे बुरी स्थिति महाराष्ट्र की है। कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल व उड़ीसा आदि राज्यों में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ गया है।
पिछले 24 घण्टे में तकरीबन 90 हजार नए मरीज मिले हैं। जबकि करीब 725 लोगों की कोरोना से मौत हो गयी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है। सरकार 45 साल से ऊपर वाले सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगवा रही है। कोरोना से निबटने की सभी तैयारी हो रही हैं। परन्तु, आम लोग कोरोना को लेकर आज भी लापरवाही बरत रहे हैं। यह बड़ी गलत बात है।
इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!