चंद घंटों के बाद ही हम नए साल में प्रवेश कर जाएंगे. ऐसे में हर व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि नए साल की तरह ही पूरा साल खुशियों से भरपूर रहे. सुखमय रहे और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे. लेकिन कई बार व्यक्ति की किस्मत को उसका साथ नहीं मिल पाता. ज्योतिष शास्त्र में नए साल को लेकर कई उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर होता है और उसे कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है.
ज्योतिष शास्त्र में जल के भी कई उपायों के बारे में बताया गया है. जल के इन उपायों को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से तो निजात मिलेगी ही. साथ ही, वास्तु दोष और कुंडली में कई तरह के दोषों से भी छुटकारा मिलेगा. नए साल पर जल के इन उपायों के साथ वास्तु दोष के साथ-साथ अन्य दोषों को भी दूर किया जा सकता है. आइए जानें.
– नियमित रूप से स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. व्यक्ति के चेहरे पर तेज और आत्मविश्वास आता है. ऐसे में नए साल की शुरुआत सूर्य देव को जल अर्पित करने के साथ ही करें.
– कहते हैं कि भगवान शिव को भी जल बेहद प्रिय है. वे तो सच्चे मन से अर्पित किए गए मात्र एक लोटा जल से भी बेहद प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसे में नए साल से शुरुआत करते हुए नियमित भगवान शिव को जल अर्पित करें. इससे जीवन की सभी समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाएंगी.
– कहते हैं कि वृक्षों को जल अर्पित करने से भी व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसलिए नियमित रूप से तुलसी को जल अर्पित करें. साथ ही, पीपल के पेड़ को भी जल अर्पित करने से व्यक्ति को सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगाजल को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना गया है. कहते हैं कि एक कलश में गंगाजल लेकर नए साल पर इसका छिड़काव पूरे घर में करने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं.
– कहते हैं कि घर से लगातार जल का टपकना भी शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में इसे तुरंत ठीक करवा लें. वास्तु में पानी का टपकना आर्थिक तंगी की ओर इशारा करता है.
– वास्तु जानकारों का कहना है कि भोजन करते समय जल का गिलास दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए. इससे व्यक्ति के भाग्य जागृत होने में मदद मिलती है.
– इसके साथ ही, ऐसा भी कहा जाता है कि आप जिस थाली में खाना खाते हैं, उसमें भूलकर भी हाथ न थोएं. इससे व्यक्ति को कई हानि और दोषों का सामना करना पड़ता है.
– घर के मंदिर में तांबे के पात्र में जल भरकर रखें और प्रसाद अवश्य रखें. ऐसी मान्यता है कि भगवान को जब भी प्यास लगती है, तो मंदिर में उनके लिए जल उपलब्ध होना चाहिए. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं.