वित्तमंत्री राज्यसभा में अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा का जवाब दे रही थी। वित्तमंत्री ने कहा कि, ” आर्थिक विकास दर में भले ही गिरावट आई हो लेकिन यह रिसेशन (मंदी) नहीं है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भले ही आर्थिक विकास दर में गिरावट आई हो पर इसे मंदी कहना ठीक नहीं। वित्तमंत्रीराज्यसभा में अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा का जवाब दे रही थी। वित्तमंत्री ने कहा कि, ” आर्थिक विकास दर में भले ही गिरावट आई हो लेकिन यह रिसेशन (मंदी) नहीं है।” हालांकि वित्तमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी दल सदन से वाकआउट कर गए।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीए -2 के 2009 -14 और मोदी सरकार के 2014 -19 के बीच अर्थव्यवस्था के अलग मापदंडों की तुलना कर जवाब देने की कोशिश की। वित्त मंत्री ने कहा कि 2009-14 में जीडीपी औसतन 6.4% था वही एनडीए सरकार के 2014- 19 के बीच 7.5% रहा। वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि यूपीए सरकार के डबल डिजिट महँगाई दर के मुकाबले मोदी सरकार में महँगाई दर 4.5 फीसदी रहा। वित्त मंत्री के मुताबिक बैंक कर्ज का राइटऑफ करने का मतलब कर्ज का माफ करना कतई नहीं है बल्कि कर्ज की वसूली की जाएगी। इंसोल्वेंसी प्रोसेस पर वित्तमंत्री ने संतोष जताया। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने आर्थिक सुधार के फैसले लिए जिसमें 10 बैंकों का आपस मे विलय कर 4 बड़े बैंक बनाये गए।