भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अब तीसरी लहर का डर बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र में जहां एक दिन में 4154 कोरोना के केस सामने आए, वहीं केरल में 25010 लोग संक्रमित पाए गए। केरल और महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों से देश में तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है। महाराष्ट्र और केरल में नए कोविड-19 संक्रमण के दैनिक आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि ढिलाई के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। सरकार ने केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ज्यादा मामलों का उल्लेख करते हुए कहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई नहीं की जा सकती है।
सरकार की यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है, जब शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने ‘कोविड इमरजेंसी रिस्पांस पैकेज दो के तहत बाल चिकित्सा देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्धि की स्थिति की समीक्षा की। राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को फिर से डिजाइन और तैयार करने की सलाह भी दी गई है। बता दें कि ऐसी आशंका जताई गई है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरे लहर दस्तक दे सकती है।
बयान में कहा गया कि राज्यों को जिला स्तर पर कोविड-19, म्यूकरमाइकोसिस, एमआईएस-सी (बच्चों के गंभीर रोग) के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए ‘बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए कहा गया है। बयान के अनुसार इस बात पर चर्चा हुई कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक बनी हुई है। भारत में भी महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। हालांकि, लगातार 10वें सप्ताह साप्ताहिक संक्रमण दर तीन प्रतिशत से कम रही।