देश में एक बार में 1300 ट्रकों के बराबर सामान पहुंचाने वाली मालगाड़ी चलाने की तैयारी की जा रही है. सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह सच है अमेरिका और चीन में इस तरह की मालगाड़ी चल रही हैं और अब अपने देश में डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (डीएफसी) में इसी तरह की मालगाड़ी चलाई जाएंगी, जिसे हैवी हाल गुड्स ट्रेन कहते हैं.
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इस ट्रेन को चलाने के लिए तैयार कॉरिडोर का आज प्रधानमंत्री वाराणसी में उद्घाटन करने जा रहे हैं. आइए जानें इस हैवी हाल गुड्स ट्रेन के संबंध में.
देश में सामान जल्दी और कम भाड़े में पहुंचाने के लिए दो कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों कॉरिडोर की लंबाई 2843 किमी. है. 1337 किमी. लंबा ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर पश्चिमी बंगाल के सोननगर तक बना है, यह बनकर तैयार हो चुका है. इसी कॉरिडोर का आज उद्घाटन किया जाएगा. वहीं1506 किमी. लंबा वेस्टर्न कोरिडोर हरियाणा रेवाड़ी से महाराष्ट्र (अटेली से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट, जेएनपीटी) तक निर्माण चल रहा है.
डीएफसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कॉरिडोर का डिजाइन इस तरह किया गया है कि इसमें हैवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन हो सके. इसकी क्षमता एक दिन में 120 हैवी हॉल मालगाड़ियां एक दिशा चलाने की है. एक हैवी हॉल मालगाड़ी में करीब 105 वैगन होते हैं और करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस गाड़ी में लगभग 13000 टन सामान जा सकेगा. इस प्रकार से एक मालगाड़ी करीब 1300 ट्रकों का सामान तेज गति से पहुंच सकेगा.
विदेशों में पहले से हो रहा है संचालन
इस तरह की मालगाड़ियों का संचालन अमेरिका और चीन में पहले से हो रहा है. अमेरिका के कोरोराडो में हैवी हॉल मालगाड़ियां से चल रही है. वहीं,चीन के हुआंगहुआ और शुओझोउ में कोयला ढोने के लिए हैवी हॉल मालगाड़ियां का संचालन हो रहा है. वहीं आस्ट्रेलिया ने हैवी हॉल बैटरी वाले लोकोमोटिव का पिलबारा क्षेत्र में सफल परीक्षण किया है. वहीं, जापान में सामान को जल्दी पहुंचाने के लिए हैवी हॉल मालगाड़ी के बजाए बुलेट ट्रेन इस्तेमाल होता है.