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फरवरी महीने के अंत में मौसम ने एक बार फिर करवट लिया है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में बारिश हुई। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी देखी गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत में मार्च का महीना सामान्य से अधिक गर्म रहने की संभावना है। इस दौरान गर्म हवाएं भी चलेंगी। यह देशभर में गर्मियों के आगमन का संकेत है।
सामान्य से अधिक रहेगा तापमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डी. शिवानंद पई ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा कि मार्च में प्रायद्वीपीय भारत के कुछ सुदूर दक्षिणी भागों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में महीने का अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। पई ने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
1901 के बाद सबसे गर्म रही फरवरी
मार्च के अधिक गर्म रहने का अनुमान इसलिए लगाया गया है क्योंकि देश में 1901 के बाद सबसे गर्म फरवरी रही थी, जब औसत तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य 20.70 डिग्री से 1.34 डिग्री अधिक था।
फरवरी में देशभर में 10.9 मिमी बारिश हुई
रबी फसल पर गर्म मौसम की स्थिति के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर पई ने कहा कि कृषि मंत्रालय के विशेषज्ञों के साथ उनकी चर्चा के अनुसार देश में उगाए जाने वाले लगभग 60 प्रतिशत गेहूं की किस्म गर्मी प्रतिरोधी है। पई ने बताया कि फरवरी में देशभर में 10.9 मिमी बारिश हुई – जो 1901 के बाद से 18वीं सबसे कम और 2001 के बाद से पांचवीं सबसे कम बारिश है।
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फरवरी में 2001 के बाद से चौथी सबसे कम बारिश
मौसम वैज्ञानिक डी. शिवानंद पई ने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 1.2 मिमी बारिश हुई जो 1901 के बाद से 10वीं सबसे कम और 2001 के बाद से चौथी सबसे कम बारिश है।