वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से लड़ने में भारत की प्रतिबद्धता “दृढ़” और कई राष्ट्रों से बेहतरीन है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में बुधवार को यहां निवेशकों से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के प्रयास में भारत नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
सीतारमण ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघों के महासंघ (फिक्की) और अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता इस लिहाज से बहुत दृढ़ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोप 21 के लिए पेरिस आए थे। कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज का 21वां सत्र (कोप21) 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2015 तक पेरिस में आयोजित हुआ था जिसमें 195 राष्ट्रों ने हिस्सा लिया था।
इन राष्ट्रों ने पेरिस समझौते को स्वीकार किया था जिसमें भारत ने राष्ट्र संकल्पित योगदान (एनडीसी) के तहत अपनी जीडीपी के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को 2030 तक 2005 के स्तर से 33 से 35 प्रतिशत तक घटाने समेत चार प्रतिबद्धताएं जताईं थी। सीतारमण ने पूरे देश में बड़े सोलर पार्क बनाए जाने पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन में भारत की प्रतिबद्धता बेजोड़ है।