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औरैया: स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु आगे आयें नवरत्न कंपनी गेल व एनटीपीसी

औरैया। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अचानक मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि व मौतों से औरैया जिले समेत उत्तर प्रदेश व पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव एवं चिकित्सकों, दवाओं व ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही ‌है ऐसे में औरैया के नागरिक संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए आगे आने को जिले में स्थापित देश की नवरत्न कंपनी गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) पाता व नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) दिबियापुर के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के करोड़ों रुपए के बजट की ओर आशा भरी‌ निगाहों से देख रहे हैं।

जिले के दिबियापुर/पाता क्षेत्र में कई किलोमीटर की एरिया में स्थापित देश की नवरत्न कंपनी गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) व नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) अपने ‌उत्पादन के माध्यम से एक बड़ी मुनाफा के साथ काम कर रही हैं। इन कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी भी होती है जिसे निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) अर्थात कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत व्यापारिक और औद्योगिक कंपनियों द्वारा अपनाया गया स्व-नियमन है, जिसके अन्तर्गत वे ऐसे व्यापारिक मॉडल के अनुसार काम करतीं हैं जो कानून, नैतिक मानकों एवं अन्तरराष्ट्रीय रीति के अनुकूल हो। इसके अन्तर्गत कंपनी द्वारा कुछ ऐसे कार्य किये जाते हैं जो पर्यावरण, आम जनता, उपभोक्ता, कर्मचारी तथा अंशधारियों पर सकारात्मक प्रभाव डाले।

करोड़ों के बजट दिखाकर सीएसआर में होता है काम

अभी तक उक्त कंपनियां सीएसआर के ‌माध्यम से करोड़ों रूपए के बजट को आसपास के क्षेत्र में विकास कराने के साथ विद्यालयों ‌के साथ-साथ अन्य सामाजिक ‌कार्यो पर इस धनराशि का ‌व्यय करतीं रहीं हैं। पिछले वर्ष आये कोरोना के पहले स्ट्रेन के समय दोनों कंपनियों ने जिला प्रशासन को एक मुश्त धनराशि प्रदान करने के साथ स्वास्थ्य विभाग को व्यापक मात्रा में स्वास्थ्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ गांवों में कैम्प लगाकर इन कंपनियों के अधिकारियों ने ‌स्वयं‌ भी वितरित की थीं, पर विडम्बना देखिए अभी दो माह पूर्व जिले में सम्पन्न हुए औरैया महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ‌दिल‌ खोलकर धनराशि खर्च करने वाली दोनों कंपनियां इस बार मार्च माह के ‌अंतिम सप्ताह में आये कोरोना‌ के दूसरे खतरनाक/जानलेवा स्ट्रेन जिसमें पहले ‌के मुकाबले ज्यादा लोग संक्रमित हो‌ रहे हैं और कई गुना ज्यादा मौतें ‌हो रहीं हैं और जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं (स्वास्थ्य उपकरण, दवाईयां व अन्य स्वास्थ्य सामग्री) का अभाव भी दिख रहा है। ऐसे में इस बार दोनों कंपनियों का सीएसआर के माध्यम से सहयोग के लिए आगे आने के बजाय एक तरह से आंख बंद कर मूकदर्शक बन जाने से जिले का प्रत्येक नागरिक हैरान व परेशान है। जबकि कंपनियों में काम करने वाले कई अधिकारी व कर्मचारी खुद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

जिले के तमाम जागरूक नागरिकों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों व पत्रकारों ने इस बार आये कोरोना के जानलेवा स्ट्रेन के दौरान जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सीएसआर के ‌माध्यम से सुदृढ़ बनाने के लिए आगे न आने के लिए दोनों कंपनियों के प्रति अफसोस व आक्रोश जाहिर किया है साथ ही मांग की है कि जिले के नागरिकों की जान बचाने और उनकी जीवन रेखा को लम्बा करने के लिए दोनों कंपनियां सीएसआर की समस्त धनराशि स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोत्तरी हेतु जिला प्रशासन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को सौंप दे। उन्होंने कहा कि जिले में अपना उत्पादन कर दोनों कंपनियां एक बड़ी धनराशि कमा रहीं हैं जबकि उनसे निकलने वाले प्रदूषण से हम नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल ‌प्रभाव‌ पड़ता‌ है जिसे हम लोग झेलते हैं। ऐसे में इन कंपनियों की जो सीएसआर धनराशि है उसे जिले की आम जनता के हितों पर ही व्यय किया जाना चाहिए और वर्तमान में जनता स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त अनुपलब्धता के चलते परेशान और अपने जीवन‌ के लिए चिंतित है, इसलिए दोनों कंपनियां सीएसआर की पूरी‌ धनराशि तत्काल जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दे जिससे जिले के अस्पतालों में कोविड फैसिलिटी को बढ़ा कर कोरोना‌ संक्रमण की चेन तोड़ने के साथ संक्रमित मरीजों की जान बचाकर‌ उनकी जीवन रेखा को लम्बा किया जा‌ सके।

 

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि यदि कंपनियों के महाप्रबंधक इस महामारी से निपटने व स्वास्थ्य सुविधाओं को सीएसआर की धनराशि ‌की मदद‌ से सुदृढ़ बनाने को आगे नहीं आते हैं तो जिले के नागरिकों की जान बचाने के लिए रात-दिन कार्य करने वाले जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा स्वयं दखल व आदेश देकर इस धनराशि को मंगवा कर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने का प्रयास करें। जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति आम नागरिकों के मन में जो भय समा गया‌ है वो दूर हो सके और लोग पिछली ‌बार की तरह कोरोना को हराने‌ के लिए आत्मबल के साथ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग कर‌ सकें। उक्त मांग करने वालों में जिले के सुप्रसिद्ध कवि अजय अंजाम, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य मंजू सिंह, प्रधानाचार्य दिनेश प्रताप सिंह यादव, संवेदना ग्रुप के संरक्षक सक्षम सेंगर एडवोकेट, विचित्र पहल के आनंद गुप्ता डाबर, सभासद छैंया त्रिपाठी, जिला बार एसोशिएशन के अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह भदौरिया, महामंत्री राजू शुक्ला, डाक्टर मनोज सिंह चौहान, प्रबंधक नीरज सेंगर, प्रेस क्लब संरक्षक राजीव शुक्ला, सुरेश मिश्रा, हिमांशु गुप्ता, एस.पी. सिंह सेंगर, प्रेस क्लब अध्यक्ष सुनील गुप्ता, महामंत्री गौरव श्रीवास्तव, राघवेंद्र सिंह गौर, विनोद दुबे, उमेश दुबे आदि प्रमुख नागरिक शामिल हैं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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