हाल ही में क्राइम का जो मुद्दा सामने आया है उस मुद्दे में विवाह के सात वर्ष बाद भी संतान न होने व अनबन के चलते तेजाब डालकर पत्नी की मर्डर करने के मुद्दे में प्रथम एडीजे की न्यायालय ने दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं इस मुद्दे में सामने आई जानकारी के मुताबिक काशीपुर निवासी महिला ने वर्ष 2009 में अमरोहा (यूपी) निवासी युवक से प्रेम शादी किया था। युवक महुआखेड़ागंज स्थित एक फैक्ट्री में कार्य करता था व विवाह के बहुत वर्षों के बाद भी जब कोई संतान नहीं हुई तो दंपति में कहासुनी होने लगा।
वहीं उसके बाद पत्नी महिला अपने पति से अलग पंजाबी सराय में किराए के मकान में रहने लगी थी लेकिन इसके बाद भी पति उसके कमरे में आकर उसके साथ हाथापाई करता था। बीते 17 अगस्त 2016 की शाम पत्नी सुल्तानपुर पट्टी स्थित बल्ब बनाने वाली फैक्ट्री से ड्यूटी कर लौट रही थी, तभी एमपी चौक के पास बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के सामने पति ने उसपर तेजाब से भरा डिब्बा फेंका व फरार हो गया। इस मुद्दे में पीड़िता को बचाने के कोशिश में कुंडा के ग्राम बगवाड़ा निवासी एक अन्य युवक व उसके चाचा भी झुलस गए थे।
वहीं इस मुद्दे में पुलिस में पीड़िता की शिकायत पर महिला के पति के विरूद्ध धारा 307 व 326ए के तहत केस दर्ज किया गया। इस मुद्दे में पीड़िता को एसटीएच हल्द्वानी रेफर किया गया, जहां 21 नवंबर 2016 को उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। वहीं इस मुद्दे में बीते बुधवार को प्रथम एडीजे प्रीतु शर्मा ने तेजाब डालकर पत्नी की मर्डर के मुद्दे में अभियुक्त पति को धारा 302 में आजीवन जेल व 20 हजार रुपये जुर्माने जबकि धारा 326ए में आजीवन जेल व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।