मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए अर्थव्यवस्था को संकट में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर सरकार का बनाया हुआ संकट हावी हो गया है। कांग्रेस ने देश में बढ़ते गोल्ड लोन के प्रचलन पर निशाना साधते हुए सरकार पर तीखा हमला किया। कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक के फरवरी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि गोल्ड लोन में 71.3% का जबरदस्त उछाल देखा गया है।
रमेश ने एक्स पर कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था सरकार की ओर से बनाए गए संकट में फंस गया है। 2024 तक लगातार जारी व्यापक आर्थिक सुस्ती के कारण पिछले पांच वर्षों में गोल्ड लोन में 300 प्रतिशत का उछाल आया है। गोल्ड लोन का आंकड़ा पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “भारतीय महिलाओं के लिए बुरी खबरें लगातार बढ़ रही हैं। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2025 में गोल्ड लोन में 71.3% का जबरदस्त उछाल आया है।” रमेश ने कहा कि हाउसिंग से लेकर कार तक हर सेक्टर में बैंक ऋण में सुस्ती दिखी है, लेकिन संकटकालीन ऋण जैसे गोल्ड लोन चरम पर है। रमेश ने कहा कि इतना ही नहीं नीति आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि महिलाओं को जारी सभी ऋणों में गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 40% है। सोना गिरवी रखकर लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में बीते पांच वर्षों में 22 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि मोदी सरकार ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में अपनी विफलता का उदाहरण पेश किया है। भारतीय महिलाएं इसकी कीमत चुका रही हैं। उन्होंने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट भी साझा की, जिसमें कहा गया है कि बैंकों का स्वर्ण ऋण पोर्टफोलियो चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दिसंबर तक साल-दर-साल (वाईओवाई) 71.3 प्रतिशत बढ़कर 1.72 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो पिछले साल जोखिम भार में वृद्धि के बाद पीली धातु की बढ़ती कीमतों और असुरक्षित ऋण में मंदी के कारण हुआ था।
कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक अन्य मीडिया रिपोर्ट भी साझा की, जिसमें कहा गया है कि ऋण बाजार ने 2019 और 2024 के बीच सालाना 22% अधिक महिला उधारकर्ताओं को जोड़ा है। चार करोड़ नई महिलाओं ने अपने सोने के आभूषणों के बदले 4.7 ट्रिलियन रुपये का कर्ज लिया है।