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बिधूना : बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़, एकल कक्ष में बैठ रहे 5 क्लास के बच्चे, इसी में है प्रधानाध्यापक का ऑफिस

औरैया/बिधूना। प्रदेश सरकार एक तरफ सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए मिड डे मील, विद्यार्थियों को कपड़े व अन्य पाठ्य सामग्री वितरित कर रही है, वहीं तहसील क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों का हाल बेहाल है। जिसकी बानगी देखनी हो तो विकास खंड बिधूना के ग्राम महू में चलिए, जहां एकल कक्ष में 5 क्लास लगाये जा रहे हैं, इसी में प्रधानाध्यापक का कार्यालय भी संचालित हो रहा है। 106 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र दो शिक्षक हैं, उसमें भी एक प्रधानाध्यापक हैं।

परिषदीय विद्यालयों का हाल जानने के लिए समर सलिल की की टीम ने बिधूना ब्लाक के ग्राम महू का भ्रमण किया। जहां पहुंचने के बाद पता चला कि गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। जिसमें कक्षा 1 से लेकर 5 तक के कुल 106 छात्र व छात्राएं पंजीकृत हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय में मात्र दो शिक्षक हैं जिनमें एक प्रधानाध्यापक हैं। यही नहीं यहां पहुंचने पर पता चला कि प्राथमिक विद्यालय का पुराना भवन जिसमें एक बड़ा हालनुमा कमरा व बरामदा है। जो बहुत ही जर्जर हालत में हैं। जिस भवन को वर्ष 2013 में डैमेज घोषित किया जा चुका है। उक्त भवन को डैमेज घोषित किए जाने के करीब 9 वर्ष बाद भी यहां पर न तो नया स्कूल भवन बना है और न ही डैमेज भवन के मलबे को हटाया गया है। जिसके चलते यहां पर बने एकल कक्ष में पांचों क्लास के छात्र व छात्राएं बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।

बाहर क्लास लगने पर जमीन में बैठते बच्चे

सवाल उठता है कि एकल में पांच क्लास के बच्चों को दो शिक्षक कैसे पढ़ाते होंगे। हालाकि कभी-कभी एक-दो क्लास के बच्चों को एकल कक्ष के बाहर बैठाकर भी पढ़ाया जाता है। जहां वह जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। जानकारी करने पर पता चला कि इस जर्जर भवन की नीलामी हेतु दो बार बोली भी लग चुकी है। लेकिन सरकारी निर्धारित धनराशि से बहुत कम बोली लगने के कारण दोनों बार की नीलामी निरस्त की जा चुकी है। स्कूल के प्रधानाध्यापक कुछ भी बोलने की स्थित में नजर नहीं आये।

प्रति शिक्षण दिवस किन विषयों के लगने है घंटे

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत जारी टाइम-टेबल के अनुसार कक्षा 1 व 2 में प्रति शिक्षण दिवस हिन्दी, गणित व अंग्रेजी के अलावा एक घंटे में छात्र कौशल विकास के तहत खेल, चित्रकला, नाटक व संगीत की गतिविधियां करानी है। इसी प्रकार कक्षा 3,4 व 5 में हिन्दी, गणित के दो, अंग्रेजी व ईवीएस के अलावा एक घंटा पुस्तकालय एवं एक घंटे में छात्र कौशल विकास के तहत खेल, चित्रकला, नाटक व संगीत की गतिविधियां करानी है, पर यहां पुस्तकालय देखने को नहीं मिला। इन विषयों को पढ़ाने ‌व अन्य गतिविधियों के लिए यहां शिक्षक ही नहीं है।

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

ग्रामीणों का कहना है कि एकल कक्ष ‌में एक साथ कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को शिक्षा नहीं दी जाती सकती है। इससे विद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बैठने व शिक्षा ग्रहण करने में काफी परेशानी होती है। अगर अध्यापक एक क्लास में कुछ पढ़ाते हैं तो दूसरे क्लासों के बच्चे आपस में बातचीत करते ‌है या शोर मचाते हैं। जिससे बच्चों को कुछ भी समझने में मुश्किल हो जाती है। यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो‌ रहा है। विभागीय अधिकारी न तो स्कूल भवन बनवाने की ओर ध्यान दे रहे और न ही यहां पर पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं।

ग्रामीण बोले बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा मजाक

ग्रामीण राजेन्द्र सिंह व विनीता देवी का कहना है कि स्कूल में पढ़ाई के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ मजाक हो रहा है। जहां न उनके बैठने के लिए अलग-अलग कक्ष है और न ही शिक्षक हैं। कहा कि 9 वर्ष पूर्व पुराने स्कूल भवन डैमेज घोषित हो चुका है, पर नये भवन का अब तक निर्माण नहीं हुआ है। कहा कि प्राथमिक स्तर पर कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को सभी विषय ही नहीं पढ़ाये जा रहे हैं।

न बैठने को कक्ष, न पढ़ाने को शिक्षक

ग्रामीण राजेश कुमार, अनुरूद्ध सिंह व अजय कुमार तिवारी ने कहा कि एक तरफ विभाग स्कूल चलो अभियान चलाकर बच्चों का पंजीकरण करवा रहा है और सरकार सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत मिड डे मील, विद्यार्थियों को कपड़े व अन्य पाठ्य सामग्री वितरित कर रही है। लेकिन बच्चों के बैठने के लिए कक्षों व पढ़ाने के शिक्षकों का पर्याप्त इंतजाम नहीं रही है। जिस कारण यहां पर जिन बच्चों का पंजीकरण हुआ है उनकी नींव ही मजबूत नहीं हो पा रही है। जिससे उनका भविष्य चौपट हो रहा है।

वर्ष 2013 में डेमेज घोषित हुआ, दो बार लग चुकी बोली

प्राथमिक विद्यालय महू का जर्जर भवन वर्ष 2013 में डेमेज घोषित हो चुका है। जिसके बाद मार्च 2021 व जुलाई 2022 में इसके मलवा की नीलामी हेतु बोली भी लग चुकी है। मगर सरकारी निर्धारित मूल्य 60000 से कम बोली लगने का कारण दोनों बार की नीलामी रद्द की जा चुकी है। दोनों बार मात्र 22000 व 25000 की अधिकतम बोली लगाई गई।

2 शिक्षक व 106 छात्र/छात्राएं

स्कूल में प्रधानाचार्य देवेन्द्र कुमार के अलावा सहायक अध्यापिका संगीता यादव के रूप में तैनात हैं। स्कूल में कुल 106 छात्र/छात्राएं हैं। जिसमें कक्षा 1 में 16, कक्षा 2 में 24, कक्षा 3 में 25, कक्षा 4 में 21 व कक्षा 5 में 20 छात्र व छात्राएं हैं।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन/राहुल तिवारी

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