हिंदू धर्म में शिव शंकर की साधना आराधना के लिए कई सारे व्रत त्योहार समर्पित हैं लेकिन इन सभी में प्रदोष व्रत बेहद खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आता है।
अभी अश्विन मास चल रहा है और इस माह का पहला प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की अपार कृपा बरसती है और कष्टों में कमी आती है।
बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। अगर आप शिव को शीघ्र प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो ऐसे में आप इस पूजन विधि से शिव की साधना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान जल्द ही कृपा करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शिव पूजा विधि।
बुध प्रदोष व्रत पर ऐसे करें शिव पूजा-
बुध प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए व्रत पूजन का संकल्प करें। व्रत के दौरान केवल फल का ही सेवन करें। शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में शिव की साधना करें। इस दौरान सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें।
फिर चंदन, शहद, पुष्प, बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत, फल अर्पित अर्पित करें। अब घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव की चालीसा का पाठ करें। इस दिन बुध प्रदोष व्रत की कथा भी पढ़ें। व्रत के दौरान मन को शांत रखें। अंत में भगवान की आरती कर भूल चूक के लिए क्षमा मांगे।