लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज कार्यालय, लालबाग, लखनऊ में मरहूम हारुनुल रशीद मंसूरी के इसाले सवाब के लिए कुरआन ख्वानी (कुरआन पाठ) और शोक सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समाज के लिए उनके समर्पण और सेवाओं को याद करने तथा उनके व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित किया गया था। मरहूम हारुनुल रशीद का 5 जनवरी 2025 की सुबह दुखद निधन हो गया था।
संगठन के लिए एक अभिन्न स्तंभ
कार्यक्रम के दौरान पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने मरहूम हारुनूल रशीद मंसूरी को याद करते हुए कहा, हारुनुल रशीद मंसूरी हमारे संगठन के चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। उन्होंने समाज के लिए नि:स्वार्थ सेवाएं दीं और अपनी कुशल कार्यशैली से समाज को बेहतर दिशा प्रदान की। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और उनका समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि उनके निधन से मंसूरी समाज और पसमांदा मुस्लिम समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। उनका योगदान समाज के विकास और उत्थान में अनमोल था।
मौलाना और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित मौलाना और समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उनमें मौलाना अफरोज आलम कादरी, कारी शफीक आलम कादरी, मौलाना इलियास मंसूरी, मौलाना असलम नदवी, हाजी शब्बन मंसूरी, एजाज अहमद राईन और मिर्जा इमरान बेग के नाम उल्लेखनीय हैं। इनके साथ-साथ बड़ी संख्या में समाज के सदस्य और श्रद्धालु भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
सामाजिक योगदान की सराहना
शोक सभा में उपस्थित सभी लोगों ने मरहूम के योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनके द्वारा किए गए कार्यों और समाज के प्रति उनके समर्पण को सभी ने सराहा। कार्यक्रम में कुरआन ख्वानी के बाद दुआएं मांगी गईं और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की गई। इस अवसर ने यह साबित कर दिया कि मरहूम हारुनुल रशीद मंसूरी ने न केवल समाज के लिए बल्कि अपने कार्यों और विचारों के माध्यम से सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है। उनका योगदान हमेशा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी