आज राज कपूर की 100वीं जयंती का जश्न मनाया जा रहा है। राज कपूर ने भारतीय सिनेमा में अतुलनीय योगदान दिया है। अभिनेता के साथ-साथ उन्होंने बतौर फिल्ममेकर के तौर पर भी खूब नाम कमाया। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की। राज कपूर की फिल्मों का बोलबाला विदेशों तक था। आज उनकी 100वीं जयंती के अवसर पर हम जानेंगे राज कपूर की उस इच्छा के बारे में, जो अधूरी रह गई, जिसे बाद में उनके बेटे रणधीर कपूर और ऋषि कपूर ने पूरा किया। आइए जानते हैं कौन सी फिल्म राज कपूर बनाने की सोचते रहें पर बना ना सके।
समाचार से मिली कहानी
अभिनेता अन्नू कपूर बिग एफएम के एक प्रोग्राम ‘सुहाना सफर विद अन्नू कपूर’ में राज कपूर से जुड़े इस दिलचस्प किस्से का जिक्र करते हैं। यह बात 1958 की है, राज कपूर फिल्म ‘छलिया’ की शूटिंग कर रहे थे। एक दिन उन्होंने अखबार में खबर पढ़ी कि भारत के एक लड़के का कार एक्सिडेंट हो गया और वह नदी में गिर पड़ा और बहता हुआ पाकिस्तान जा पहुंचा। पाकिस्तान में एक कबीले के लोगों ने उसकी जान बचाई। कई महीने तक उस लड़के की खिदमत करने के बाद, जब वह पूरी तरह से ठीक हो गया, तो कबीले वालों ने उसे भारत वापस भेज दिया। ये घटना राज कपूर के दिल को छू गई। उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास को इस घटना पर एक कहानी लिखने को कहा।
25 साल बाद फिल्म बनाने की सोची
अब्बास ने रोमांस डालकर एक खूबसूरत कहानी लिखी, लेकिन राज कपूर दूसरी फिल्मों को बनाने में व्यस्त हो गए थे। 25 साल बाद राज कपूर को उस कहानी पर फिल्म बनाने का ख्याल आया, लेकिन तब तक ख्वाजा अहमद अब्बास यह दुनिया छोड़ चुके थे। इसके बाद राज कपूर ने स्क्रीनप्ले लिखने के लिए जैनेंद्र जैन को दे दिया और डायलॉग के लिए पाकिस्तान की लेखक हसीना मोईन को बुलाया। गानों की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी गई थी, अभी तीन गाने ही रिकॉर्ड हुए थे कि राज कपूर बीमार पड़ गए और 1988 में वह ये दुनिया छोड़कर चले गए। फिल्म फिर रूक गई और उनका यह ख्वाब अधूरा रह गया।
बेटे रणधीर कपूर ने बनाई फिल्म
राज कपूर ने इस फिल्म को बनाने का सपना 25 साल पहले देखा था। उनके जाने के बाद उनके बेटे रणधीर कपूर ने वह फिल्म बनाने की ठानी और बनाई। उस फिल्म का नाम था ‘हिना।’ फिल्म ‘हिना’ 28 जून 1991 को रिलीज हुई। इस रोमांस ड्रामा फिल्म में ऋषि कपूर ने मुख्य भूमिका अदा की थी। उनके साथ अश्विनी भावे (चांदनी कौल) और जेबा बख्तियार (हिना) ने भी अदाकारी की है।