चंडीगढ़: नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगाने और इसे विस्तार देकर हिरासत अवधि बढ़ाने को चुनौती देने वाली खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल व उनके साथियों की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इससे जुड़ा पूरा रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही केंद्र सरकार से पूछा है कि एनएसए कन्फर्म करने का क्या आधार था।
अमृतपाल के साथियों सरबजीत सिंह कलसी, गुरमीत गिल, पपलप्रीत सिंह व अन्य ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके खिलाफ एनएसए लगाने समेत अन्य कार्रवाई असांविधानिक, कानून के खिलाफ और राजनीतिक असहमति के कारण की गई हैं जो दुर्भावनापूर्ण है। याची के खिलाफ ऐसा कोई मामला बनता ही नहीं है, जिसके चलते उसे निवारक हिरासत में रखने का आदेश दिया जा सके।
याचिका में कहा गया है कि न केवल एक साल से अधिक समय तक निवारक हिरासत अधिनियम को लागू किया गया, बल्कि उन्हें पंजाब से दूर हिरासत में रखकर असामान्य और क्रूर तरीके से स्वतंत्रता छीन ली गई है। पंजाब सरकार अमृतपाल की याचिका पर जवाब दे चुकी है कि वह हिरासत में रहते हुए भी अलगाववादियों के संपर्क में था। अमृतपाल की हिरासत राज्य की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है।
हाईकोर्ट अमृतपाल व उसके साथियों की याचिका पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर पंजाब सरकार से एनएसए लगाने से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड तलब कर लिया है। साथ ही केंद्र से इसे कन्फर्म करने का आधार बताने को कहा है। हाईकोर्ट में अब पंजाब व केंद्र सरकार को 3 अक्तूबर तक इससे जुड़ी जानकारी देनी होगी।