नई दिल्ली। मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) देश के पहले कार्बन फाइबर यूनिट में बड़ा निवेश करने की योजना बना रही है। आरआईएल ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि वह एयरोस्पेस और रक्षा जैसे क्षेत्रों की जरूरतें पूरी करने के लिए कार्बन फाइबर यूनिट की स्थापना करेगी।
रिलायंस इस कार्बन फाइबर यूनिट के जरिये
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इस कार्बन फाइबर यूनिट के जरिये मॉड्यूलर टॉयलेट, घर और पवन-चक्की के ब्लेड समेत कम दाम और बड़ी मांग वाले उत्पादों का उत्पादन करेगी। हालांकि कंपनी ने इस योजना पर निवेश की कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन सालाना रिपोर्ट में उसने कहा कि प्लास्टिक और मेटल उत्पादों की बड़ी रेंज के लिए उसने त्रिआयामी (3-डी) प्रिंटिंग तकनीक विकसित की है।
कंपनी ने यह भी कहा है कि कंपोजिट्स क्षेत्र के लिए लांच की गई नई कंपनी रिलायंस कंपोजिट्स सॉल्यूशंस (आरसीएस) के माध्यम से आरआइएल देश की सबसे बड़ी कंपोजिट्स कंपनी बनने का लक्ष्य रख रही है।
आरआईएल पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में
योजना के मुताबिक आरआईएल पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में नए कारोबार विकसित करने में जुट गई है। इसका मकसद लगभग 30,000 करोड़ रुपये के कंपोजिट्स मार्केट की संभावनाओं का फायदा उठाना है। कंपनी ग्राफीन, विशिष्ट प्लास्टिक और इलास्टोमर तथा फाइबर री-इनफोर्स्ड प्रॉडक्ट के उत्पादन की योजना बना रही है। ये सभी उत्पाद आने वाले दिनों में स्टील की जगह ले सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि कार्बन फाइबर यूनिट के उत्पाद स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं को मदद देने के अलावा आपदा प्रबंधन और सरकार की “सबके लिए आवास“ योजना के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होंगे।
आरआईएल खुद की तकनीक के जरिये
रिपोर्ट में कंपनी ने कहा, “आरआईएल खुद की तकनीक के जरिये देश की एयरोस्पेस और रक्षा समेत विशिष्ट औद्योगिक जरूरतों के लिए कार्बन फाइबर उत्पादों में बड़े निवेश की योजना बना रही है।“ गौरतलब है कि आरआइएल ने कंपोजिट्स कारोबार में प्रवेश के लिए पिछले वर्ष केमरॉक इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया था। उसके बाद से कंपनी ग्लास और कार्बन फाइबर री-इनफोर्स्ड पॉलिमर जैसे थर्मोसेट कंपोजिट्स पर फोकस कर रही है।