केंद्र सरकार की ओर से लाए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसानों को साढ़े तीन महीने से अधिक समय हो गया है. ये किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इनमें टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर प्रमुख हैं. इस बीच दिल्ली पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी है कि किसान आंदोलन के कारण बंद किए गए गाजीपुर बॉर्डर के दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले रास्ते को वाहनों के लिए खोल दिया गया है.
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति और आम लोगों की सहूलियत को देखते हुए दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले गाजीपुर बॉर्डर के कैरिजवे को खोल दिया गया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार ये फैसला गाजियाबाद जिला प्रशासन से विचार विमर्श के बाद लिया गया है.
वहीं सोमवार को इस रास्ते के खुल जाने से आम लोगों को गाजियाबाद की ओर जाने में काफी सहूलियत हुई. सुबह से ही इस रास्ते पर वाहन दिखने लगे थे. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को प्रयागराज में कहा है कि भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में चल रहे किसान आंदोलन के इस साल दिसंबर तक चलने की संभावना है.
वहीं पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद रविवार को प्रयागराज पहुंचे टिकैत ने झलवा में कहा कि नवंबर-दिसंबर तक इस आंदोलन के चलने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने बंगाल दौरे के बारे में टिकैत ने बताया कि दिल्ली से सरकार के लोग पश्चिम बंगाल में किसानों से एक मु_ी अनाज मांग रहे हैं. हमने किसानों से कहा कि जब वे चावल दें तो अनाज मांगने वालों से कहें कि वे इस पर एमएसपी भी तय करवा दें और 1850 रुपये का भाव दिला दें.
टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली में ही रहेंगे. पूरे देश में हमारी बैठकें चल रही हैं. हम 14-15 मार्च को मध्य प्रदेश में रहेंगे फिर 17 मार्च को गंगानगर में और 18 तारीख को फिर गाजीपुर बार्डर चले जाएंगे. इसके बाद 19 को ओडि़शा में रहेंगे और 21-22 को कर्नाटक में रहेंगे.