बैंकिंग रेगुलेशन अमेंडमेंट एक्ट 2020 के तहत को-ऑपरेटिव बैंकों के नाम बदलने से जुड़ा नया नियम आज आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी करके लागू कर दिया है. देश के केंद्रीय बैंक और बैंकों के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने आज को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए नया नियम लागू किया है. इसके तहत कोई भी को-ऑपरेटिव बैंक अपना नाम नहीं बदल सकता है. ये केवल उसी सूरत में अपना नाम बदल सकते हैं जब आरबीआई इन्हें लिखित में कहे कि उसे बैंक के नाम बदलने से कोई आपत्ति नहीं है.
RBI ने जारी की गाइडलाइंस
जब तक रिजर्व बैंक यह प्रमाणित नहीं कर देता कि इस तरह के बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है, तब तक इसे कायम रखा जा सकता है. लिहाजा आरबीआई ने होने वाली प्रक्रिया के बारे में गाइडलाइंस जारी करने का फैसला लिया गया है. (सीआरसीएस)/सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) को इसकी मंजूरी का संकेत नहीं दिया जाएगा. आरबीआई ने अपने नोटिफिकेशन में ये साफ कर दिया है कि इस सर्कुलर के जारी होते ही ये गाइडलाइंस प्रभाव में आ जाएंगी. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (BR Act) 1949 के सेक्शन 49बी और 49सी जो कि कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू होते हैं. इसके सेक्शन 49बी के नियम सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज के ऊपर लागू होते हैं.
RBI ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया
इस नए नियम के अलावा आरबीआई ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है और ये भी कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़ा है. सभी डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक्स (DCCBs) के लिए ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं. डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक्स को अब से नए ऑफिस खोलने, नई शाखाएं खोलने, एटीएम इंस्टॉल करने और अपने दफ्तरों की लोकेशन बदलने के लिए भी आरबीआई की लिखित मंजूरी की जरूरत होगी. ठीक इसी तरह आरबीआई ने साफ किया है कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 (जो डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू है) के मुताबिक कारोबार के नए स्थान खोलने के लिए भी रिजर्व बैंक को सूचना देनी होगी और लोकेशन बदलने की जानकारी भी देनी होगी. दरअसल आरबीआई को पिछले कुछ समय से इस संबंध में शिकायतें मिल रही थीं और मांग की जा रही थी कि आरबीआई इनको लेकर स्पष्टीकरण जारी करे.