जब इंसान दूसरों की खुशियों में अपनी हंसी ढूंढ लेता है तब किसी असहाय की मदद करने के बाद जो आत्म संतुष्टि मिलती है, उसका अंदाजा लगा पाना किसी अन्य के लिए शायद ही संभव हो। अक्सर पुलिस की वर्दी के पीछे छिपे इंसान में गलतियां तलाशने वालों के लिए यह जानकारी किसी आश्चर्य से कम नहीं होगी। लेकिन महकमें में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो वर्दी के इक़बाल को बुलंद करने के इरादे से दिनरात अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। मामला सीतापुर जनपद के अटरिया थानांतर्गत उमरा गांव से जुड़ा है।
यहां रहने वाली मनीषा मिश्रा पत्नी मनोज मिश्रा ने अपने माँ-पिता व भाई की मौत के बाद पैतृक संपत्ति की देखरेख के लिए गांव की कालिंदी देवी को जिम्मेदारी सौंप रखी है।कालिंदी देवी पति की मौत के बाद से मनीषा के मकान में रहकर ही अपना गुजर बसर कर रही हैं। जबकि मनीषा के पति मनोज लखनऊ के शास्त्री नगर स्थित दुर्गा मंदिर में एम्बुलेंस चालक हैं।
मनीषा ने बताया कि गांव के कृष्ण कुमार पुत्र विशेसर कुमार जोकि दबंग किस्म का है, उसने कालिंदी देवी की उम्र का फायदा उठाते हुए उनके घर के सामने बांस-बल्ली लगाकर घर से निकलने का रास्ता बंद कर दिया और मकान पर कब्जा करने की नीयत से उन्हें डरा धमकाकर घर से निकलने का प्रयास कर रहा है। मनीषा ने इस बात की जानकारी होते ही स्थानीय चौकी और थाना पुलिस को इसकी सूचना दी, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
इस बीच मीडिया के जरिए जब ये बात सीतापुर पुलिस अधीक्षक आर पी सिंह को पता चली तो उन्होंने तत्काल अटरिया थानाध्यक्ष ब्रजेश राय को मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करने के निर्देश दिए। अपने अधिकारी का आदेश मिलते ही अटरिया एसओ ने पीड़िता को अपने पास बुलाकर न सिर्फ उसकी बात सुनी बल्कि स्वयं मौके पर जाकर मकान की ओर जाने वाले मार्ग जिसपर दबंगों ने बंद कर रखा था उसे हटाया। इतना ही नहीं उन्होंने आरोपी और उसके सहयोगियों को सख्त हिदायत देते हुए भविष्य में ऐसा ना करने की चेतावनी भी दी। एक असहाय और वृद्ध महिला की शिकायत पर एसपी सीतापुर व अटरिया थानाध्यक्ष की त्वरित कार्यवाई से गांव के लोगों ने उनकी जमकर सराहना की। औऱ हो भी क्यों न, इस दबंग कृष्ण कुमार के परिवार से गांव के तमाम लोग पीड़ित थे।
रिपोर्ट-अनुपम चौहान