शिव हमारे आलोक हैं। शिव हमारे भूमंडल हैं। शिव प्रकृति स्वरूप हमारे स्तंभ हैं। भगवान शंकर हमको जीना और मरना सिखाते हैं। वह हमको बहुदेववाद की परिभाषा से दूर ले जाते हैं और कहते हैं ईश्वर एक है। उसका रंग, रूप और आकार नहीं है। एक ही रुद्र है। दूसरा ...
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